भारत जैसे धर्म परायण देश में बच्चे-बच्चियों के चरित्र का गिरना, मां बहन बेटी की पहचान आंखों से खत्म होना बड़ा दुखदाई साबित होगा : बाबा उमाकान्त जी महाराज

 

अफीम, कोकीन, हीरोइन, तमाम नशे की गोलियां मनुष्य और देश के भविष्य के लिए खतरनाक है, जहर है

सीकर(राजस्थान)। आज समाज में फैली तमाम विसंगतियों के मूल कारण और उन्हें दूर करने के सरल उपाय स्पष्ट रूप से समय रहते बता कर मानव, परिवार, समाज और देश तथा बुनियादी मूल्यों के तेजी से होते पतन को रोक कर यू टर्न दिला कर पुन: उत्थान के रास्ते पर प्रशस्त करने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 22 सितम्बर 2023 प्रात: सीकर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि मांस, मनुष्य का भोजन नहीं है। इसलिए मांस मछली मत खाना। अंडा क्या है? यह माताएं मसिक धर्म होती हैं। खराब खून इकट्ठा हो जाता है तो बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, उनके लैट्रिन-पेशाब का खराब हिस्सा जब इकट्ठा हो जाता है तो वोही अंडा बनता है। मुर्गियों का खराब खून और लैट्रिन-पेशाब का खराब हिस्सा, सोचो गंदा होगा या नहीं होगा? उसका अंडा बना और उसको खाओगे तो क्या बुद्धि सही रहेगी? कभी भी सही नहीं रह सकती। भीष्म पितामह जैसे योगी की बुद्धि अन्न के दोष से, दुर्योधन पापी का अन्न खाने से खराब हो गई तो आपकी बुद्धि कैसे सही रह सकती है?

मांसाहारी अगर शराब पी ले तो क्या मां बहन बेटी की पहचान रख पाएंगे?

मांसाहारी ज्यादा कामी, क्रोधी होते हैं। ज्यादा काम की भावना इनमें आती है। गर्मी पैदा होती है। क्रोध इनको जल्दी आता है। क्रोध में खून में गर्मी आ जाती है। करेला कड़वा तो रहता है लेकिन नीम पर चढ़ने की वजह से और ज्यादा कड़वा हो जाता है। ऐसे ही ये मांसाहारी, और अगर कहीं शराब पी ले तो वह क्या मां बहन बेटी की पहचान रख पाएंगे?

भारत जैसे धर्म परायण देश में बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना बड़ा दुखदाई साबित होगा

भारत धर्म परायण देश है। भारत कभी विश्व का गुरु हुआ करता था। भारत के दिए हुए हुनर विद्या से आज लोग जी रहे, खा रहे, सूरज चंद्रमा पर जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। वह विद्या भारत देश के लोगों में थी। इस भारत जैसे धर्म परायण देश में बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना बड़ा दुखदाई साबित होगा, आगे चलकर के बड़ा तकलीफ देह हो जाएगा। अब क्या होगा, इसको तो मैं नहीं बताना चाहूंगा लेकिन यह बात बताना चाहूंगा की बहुत तकलीफ देह हो जाएगा।

यह नशा भारत देश और मनुष्य के लिए खतरनाक है

जिस देश में एक अबला का अपहरण करके रावण ले गया था, उसके दस शीश खत्म हो गए, सोने की लंका खत्म हो गई, एक लाख पूत सवा लाख नाती, ता रावण घर दिया न बाती। एक भी नहीं बचा। एक द्रोपदी की लाज जब लुट रही थी तो 18 दिन के महाभारत में कई अक्षौहिणी सेना खत्म हो गई, 56 करोड़ यदुवंशी खत्म हो गए। उसी देश में इतनी अस्मतें लुटने लग गई की मां बहन बेटी की पहचान लोगों की आंखों से ही खत्म हो गई। कारण यही है नशाखोरी। कोई भी नशा हो, चाहे शराब गांजा अफीम कोकीन हीरोइन का हो, चाहे तमाम नशीली गोलियां जो चल गई उनका हो। यह मनुष्य और देश के भविष्य के लिए खतरनाक है, जहर है।

अपने अंदर सुधार लाओ, आपको देखकर लोग बदलेंगे

अब आपके हाथ में पावर तो है नहीं की एक दम से आप रोक लगा दो कि जो इन चीजों को बल, प्रोत्साहन देते हैं, लेकिन आप लोग अपने-अपने स्तर से इसमें सुधार ला सकते हो। सबसे पहले अपने अंदर, अपने परिवार में, अपने लोगों में सुधार लाओ तो उसे देख कर लोग धीरे-धीरे बदलते चले जाएंगे। इसलिए ये जरूरी है।

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