सन्त जब आते हैं गृहस्थी सेट करा देते हैं और आत्म कल्याण भी करा देते हैं



औलाद का सुख तब है जब वह बुढ़ापे में सहारा बने, बेईमानी की कमाई से बच्चे नालायक निकल जाते है

अंडे से ज्यादा ताकत किन किन चीजों में है

पुष्कर (राजस्थान)। अंडे का कड़वा सच बताने वाले, मेहनत ईमानदारी की कमाई करने की प्रेरणा देने वाले, गृहस्थी सेट कराने वाले, नशे से दूर करने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 26 अप्रैल 2023 प्रातः अमरेली (गुजरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि अंडा बहुत ही नुकसानदेह है। कभी भी अंडा मत खाना और बच्चीयों न अंडा बच्चों को खिलाना। अंडा से ज्यादा ताकत तो चने में है। रात को सोयाबीन, चना, मूंगफली का दाना भिगो दो, बच्चों को थोड़ा खिलाकर के दूध पिला दो। आप अनार खिला दो, लाल हो जाएगा। तमाम साग सब्जी है। पालक में बहुत आयरन होता है, खून बढ़ाता है। तो जानने की जरूरत होती है। हम तो कहते हैं किसी को सूखी रोटी ही खिलाते रहो और वह ज्यादा टेंशन में, बुरी आदतों में न रहे तो तंदुरुस्त रहेगा। तो कहने का मतलब यह है मांस, अंडा, मछली मत खाना और शराब मत पीना। शराब में एक हजार बुराई है।

औलाद का सुख तब है जब वह बुढ़ापे में सहारा बने

महाराज जी ने 16 मई 2023 सांय उज्जैन आश्रम में बताया कि मार करके, काट करके, दिल दुखा करके लाओगे तो वह आपको फलेगा नहीं। देख लो ज्यादातर रिश्वतखोर के बच्चे ही नालायक निकलते हैं। ज्यादा लूटपाट करने वालों के बच्चे ही नेक नहीं बन पाते हैं। वह भी अपराध की दुनिया में चले जाते हैं। जिस औलाद को सुखी रखने के लिए आदमी सब कुछ करता है, लूटपाट करके लाता है वह भी लुटेरा डकैत हो जाता है। पकड़ा गया तो मारा गया, आतंकवादी बन गया तो गोली लग गई, खत्म हो गया, कहां सुख मिलेगा? औलाद का सुख तब है जब बुढ़ापे में सहारा बने। और यह नौजवानी में खत्म हो गए, अपराधी दुनिया में जाने के बाद तो क्या सुख मिलेगा? कहने का मतलब यह है मेहनत ईमानदारी का काम करना चाहिए।

सन्त जब आते हैं, गृहस्थी सेट करा देते हैं

महाराज जी ने 4 जून 2023 प्रातः पुष्कर अजमेर (राजस्थान) में बताया कि सन्त जब आते हैं, गृहस्थी सेट करा देते हैं। और आदमी समय निकालने लगता है। उसको यह विश्वास हो जाता है कि मेरे करने से कुछ नहीं होगा। उस प्रभु के ही करने से होगा। और जो मैं घर में कर रहा हूं और जो अकल प्रभु हमको दे रहा है, वही अकल मेरे लड़के को, मेरी पत्नी को, मेरे सास-ससुर को, मेरे माता-पिता को दे देगा, वोही संभाल लेंगे। और नहीं संभाल पाएंगे तो पड़ोसियों को प्रेरणा दे देगा। पड़ोसियों के अंदर यह बात आ जाएगी कि बुड्ढा अकेला है, लड़का अच्छे काम, धर्म काम के लिए गया है तो हम भी उसमें कुछ मददगार हो जाएं। बुड्ढे को खिला दे, बुड्ढे को नहला दे, बुड्ढे को पानी दे दें, इनके जानवरों को एक-दो दिन खिला दे। तो उसके अंदर प्रेरणा हो जाती है वो इस काम को कर देता है। पहले तो यह गृहस्थी सेट कराते हैं, शरीर को स्वस्थ रखने का बताते हैं। खाने का भोग, इंद्रियों के भोग को कम करो।

नशे का सेवन मत करना

नशे का सेवन मत करना। ऐसा नशा चाहे भांग, गांजा, नशे की गोलियां हो, उनमें शराब जैसा ही नशा होता है। आदमी होश में नहीं रह जाता है। ऐसे नशे का सेवन मत करना। बाकी आपको छूट है। हजम कर सको तो सौ गिलास दूध रोज पी लो, दो किलो घी रोज खाओ, चार रोटी की जगह चालीस रोटी खा लो, थाली भर चावल की जगह थाला भर खालो। हमारी तरफ से पूरी छूट है। एक कपड़ा पहनते हो, यदि आपके पास है तो चार कपड़ा पहनो, एक गहना (जेवर) पहनती हो बच्चियों, अगर आप बर्दाश्त कर सकती हो तो और है आपके पास, तो चार किलो-आठ किलो पहन लो। हमारी तरफ से पूरी छूट है।

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