गरीबों की सेवा ही, ईश्वर की सेवा समझते थे सरदार पटेल

पचपेड़वा, बलरामपुर। भारत के पहले गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती जेएसआई स्कूल में बड़े ही धूमधाम के साथ मनायी गयी। छात्र छात्राओं को उनके व्यक्तित्व और कृतृत्व से भी परिचित कराया गया। स्कूल के प्रबंधक व वरिष्ठ पत्रकार सगीर ए खाकसार ने कहा कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात में हुआ था। उनके जन्म दिवस को एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। 

सरदार पटेल

आपको बता दें कि वह सरदार पटेल के नाम से काफी लोकप्रिय थे। वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी और 562 छोटी रियासतों का भारत में विलय कराया।

स्कूल के अध्यापक किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। उनका मानना था समाज से ऊंच नींच, अमीर गरीब और जाति प्रथा को समाप्त कर देना चाहिए। गरीबों की सेवा ही, ईश्वर की सेवा है। हम सबको उनका अनुसरण करना चाहिए। इस अवसर पर आरपी श्रीवास्तव, किशन श्रीवास्तव, साजिदा खान, नेहा खान, सुशील यादव, सचिन मोदनवाल, शमा, पूजा विश्वकर्मा, वंदना चौधरी, अंजली कसौधन, दीपा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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