तथागत बुद्ध ने समता, न्याय, सामाजिक सौहार्द एवं मानवीय मूल्यों का संदेश दिया - जयराम अनुरागी

  • तथागत ने कहा - "अत्तो दीपों भव"

विशेष संवाददाता 

बलिया। पूरी दुनिया में समता, न्याय, करुणा और मैत्री का संदेश देने वाले तथागत बुद्ध की जयंती भदपा गांव में मनाई गई, जिसकी अध्यक्षता सामाजिक सौहार्द एवं बन्धुत्व मंच के ब्लाक संयोजक सुमतिष कुमार रंजन और संचालन सौहार्द साथी श्रीनिवास जोशी ने की। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए नेशनल प्राइम अवार्ड 2019 से सम्मानित जनपद के सुप्रसिद्ध समावेश फेलो सामाजिक कार्यकर्ता जयराम अनुरागी ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध ने राजशाही का जीवन त्याग कर मानव कल्याण व ज्ञान प्राप्ति के लिए वन में तपस्या कर लोगों के बीच समानता और न्याय के साथ - साथ  सामाजिक सौहार्द और मानवीय मूल्यों का संदेश दिया और कहा कि अत्तो दीपों भव यानि अपना दीपक स्वयं बनों। उन्होंने अज्ञान, पाखंड और अंधविश्वास के अंधकार को मिटाने और प्रज्ञा, करुणा, मैत्री और तर्कशीलता के माध्यम से समता और न्याय को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि किसी भी बात को इसलिए मत मानों कि वह बात किसी बहुत बड़े व्यक्ति ने कहा है या बड़े धर्मग्रंथों में लिख दी गई है। उस बात को तब मानो , जब वह बात आज के इस बैज्ञानिक युग में तर्क की कसौटी पर सही उतरे।

अनुरागी ने आगे कहा कि तथागत बुद्ध ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की थी, जहां सभी लोग स्वतंत्र और समान हों।  किसी के भी साथ  भेदभाव या शोषण न हो। उन्होंने न्याय को समाज के लिए आवश्यक माना और कहा कि न्याय के बिना, समाज में शांति और समृद्धि नहीं हो सकती। इसी को आधार बनाकर भारतीय संविधान के जनक बाबासाहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने संविधान निर्माण करते समय संवैधानिक मूल्यों में इनकी अधिक से अधिक विचारों को शामिल करने  का काम किया। इस अवसर पर भाग लेने वालों में सर्व श्री। आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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