21 साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ करगिल जंग में अहम भूमिका निभाने वाली बोफोर्स तोपें अब लद्दाख में तैनात होंगी। सेना के इंजीनियर बोफोर्स तोपों की सर्विसिंग में जुटे हैं। भारत-चीन सीमा पर पिछले 20 दिन में तीन बार गोलियां चलीं हैं। इस वजह से तनाव चरम पर है।
बोफोर्स तोपों ने पाकिस्तान का किया था भारी नुकसान
बोफोर्स तोपें 1980 में सेना में शामिल की गई थीं। ये लो और हाई एंगल से फायरिंग कर सकती हैं। ये तोपें युद्ध जिताने में मददगार रही हैं। 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ करगिल की जंग जिताने में भी इनकी अहम भूमिका रही थी। बोफोर्स तोपों ने बहुत ज्यादा ऊंची पहाड़ियों पर बने पाकिस्तान के बंकरों और ठिकानों को आसानी से तबाह कर दिया था। इससे पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हुआ था।
विशेष जानकारी-
भारत-चीन सीमा पर पिछले 20 दिन में 3 बार गोलियां चलीं
पहली बार: 29-31 अगस्त के बीच पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी छोर पर।
दूसरी बार: 7 सितंबर को मुखपारी हाइट्स इलाके में।
तीसरी बार: 8 सितंबर को पैंगॉन्ग झील के उत्तरी छोर पर।


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