वैश्विक महामारी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास में लगे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, रिजर्व बैंक उसके लिये पूरी तरह तैयार है। बुधवार को उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम को संबोधित करते उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार अभी पूरी गति में नहीं पहुचा है, यह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। उन्होंने निजी क्षेत्र को आगे बढ़कर अर्थव्यवस्था में सुधार की गति बढ़ाने में योगदान करने को कहा।
जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता कराये जाने से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हो पाई है। पिछले एक दशक में यह पहला मौका है जब उधारी लागत इतनी कम हुई है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक नकदी की उपलब्धता से सरकार की उधारी लागत बेहद कम बनी हुई है और इस समय बॉन्ड प्रतिफल पिछले 10 वर्षों के निचले स्तर पर हैं। रिजर्व बैंक के गर्वनर ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाकद के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रकोप का संकेत मिलता है। उन्होंसने कोविड- 19 के बाद अर्थव्यवस्था की गति तेज करने के लिये निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं नवोन्मेष, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये कहा है। उन्होंने कहा है कि पर्यटन क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और निजी क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए।


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