किसान बिल को लेकर विपक्ष ने कल राज्यसभा में हंगामा किया। जिसकी वजह से सभापति ने राज्यसभा के आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया। इन्ही सब विवादों को देखते हुए आज केंद्र सरकार के छह मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई एमएसपी खत्म नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर किसानों को गुमराह किया गया है। जबकि इससे किसानों की आय दुगुनी होगी। एमएसपी को लेकर किसानों के गुस्से पर उन्होंने कहा कि मैं दो टूक शब्दों में तहे दिल से देश के किसान भाइयो को संदेश देना चाहता हूं कि किसी भी सूरत में एमएसपी खत्म नहीं होगी। एपीएमसी भी किसी भी सूरत में खत्म नहीं होगी। मैं किसान भाइयो को आश्वासन देना चाहता हूं। मैं भी किसान हूं। उन्होंने कहा कि आज जो हुआ उससे संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है। संसद में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उप सभापति के आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना गलत है।
कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर जिस तरह से आज राज्य सभा में विपक्ष ने हंगामा किया उसकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि आज जो हुआ उससे संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि सरकार कभी किसानों को नुकसान पहुंचाएगी। आपको बता दें कि रविवार को राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि से जुड़े दो विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गए। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने विधेयक पर वोटिंग के लिए जमकर हंगामा किया था। कृषि विधेयक को लेकर आज केंद्र सरकार के 6 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई एमएसपी खत्म नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कृषि बिल को लेकर किसानों को गुमराह किया गया है। जबकि इससे किसानों की आय दुगुनी होगी। एमएसपी को लेकर किसानों के गुस्से पर उन्होंने कहा कि मैं दो टूक शब्दों में तहे दिल से देश के किसान भाइयो को संदेश देना चाहता हूं कि किसी भी सूरत में एमएसपी खत्म नहीं होगी। एपीएमसी भी किसी भी सूरत में खत्म नहीं होगी। मैं किसान भाइयो को आश्वासन देना चाहता हूं। मैं भी किसान हूं।
उन्होंने कहा कि आज जो हुआ उससे संसदीय गरिमा को गहरी चोट पहुंची है। संसद में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उप सभापति के आसन पर चढ़ना, रूल बुक फाड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि 09.30 बजे से 01.30 पूरी चर्चा हुई। एक बार को मान लिया जाए कि उनकी बात नहीं सुनी गई, लेकिन क्या स्वस्थ्य संसदीय लोकतंत्र में ये सब कुछ होना चाहिए? माइक तोड़ देना चाहिए। डिप्टी चेयरमैन के आसन पर चढ़ जाना चाहिए? राजनाथ सिंह से जब पूछा गया कि कृषि बिल को लेकर विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार अपने सहयोगियों को ही नहीं समझा पा रही है तो किसानों को क्या समझाएगी। उनके गठबंधन की मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है क्या सरकार उन्हें समझा पाई? इस पर उन्होंने कहा कि समझाने की कोशिश सबको हो रही है, हर व्यक्ति के फैसले लेने के पीछे कुछ राजनीति कारण होते हैं। उन्होंने क्यों ये फैसला लिया इस मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।
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