इस पेड़ का नाम है 'ताड़ का वृक्ष।' ताड़ नारियल की तरह लंबा और सीधा पेड़ होता है लेकिन ताड़ के वृक्ष में डालियाँ नहीं होती है। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि ताड़ का वृक्ष नर और नारी दो प्रकार के होते हैं। कहने का मतलब ये होता है कि ताड़ के नर वृक्ष पर सिर्फ फूल खिलते हैं और नारी वृक्ष पर नारियल की तरह गोल-गोल फल होते हैं।
ताड़ के वृक्ष के फूल एकलिंगी, कोमल गुलाबी अथवा पीले रंग के होते हैं। शरद-ऋतु में स्त्री-जाति के वृक्षों पर लगभग 15-20 सेमी व्यास के अण्डाकार, अर्धगोलाकार, रेशेदार तीन खण्ड वाले हल्के काले धूसर रंग के फल आते हैं। जो पकने पर पीले हो जाते हैं। कोमल या कच्ची अवस्था में फलों के भीतर कच्चे नारियल के समान दूधिया जल होता है। पकने पर भीतर का गूदा रेशेदार, लाल और पीले रंग के तथा मधुर होते हैं। प्रत्येक फल अण्डाकार कुछ चपटे, कड़े 1-3 बीज होते हैं। यह नवम्बर से जून महीने में फलता-फूलता है। ताड़ के फल से बनने वाली औषधियां करीब 80 प्रकार की बीमारियों को दूर करती हैं।


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