सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले की सीबीआई जांच कराए जाने के दिए आदेश


देश में हो रहे गैंगरेप, हत्या और अपहरण होना आम बात हो गया है। इतना शख्त कानून होने के बावजूद भी बल्तकारी खुलेआम समाज में घूम रहा है। खास बात यह है कि हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। सीएम आदित्यनाथ सरकार ने इस केस की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई से करवाने की सिफारिश की है। इस केस में अभी एसआईटी जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट ही राज्य सरकार के पास पहुंची है और आगे की जांच जारी है। इस केस में शुरू से ही यूपी पुलिस और जिला प्रशासन की लापरवाही के कई सबूत मीडिया के सामने आए थे. जिसके बाद विपक्षी नेताओं समेत देश के कई हिस्सों में यूपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. दो दिन के लिए तो पुलिस ने पीड़ित के गांव में मीडिया तो जाने की इजाजत भी नहीं थी। पिछले दो दिनों से राज्य सरकार ने एसआईटी टीम की जांच का हवाला देते हुए ही पीड़ित परिवार के गांव में मीडिया और नेताओं के जाने पर पाबंदी लगा दी थी। यहां तक की पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनके फोन छीन लिए गए औऱ बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा था।

चौतरफा फजीहत के बाद राज्य सरकार ने लिया बड़ा फैसला

राज्य सरकार इस मामले को लेकर चौतरफा घिर गई थी। उसके बाद योगी सरकार की तरफ से 2 अक्टूबर को पीड़ित परिवार से मिलने के लिए यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और यूपी के डीजीपी पहुंचे। इसके बाद शाम में अवनीश अवस्थी ने लखनऊ में प्रेस वार्ता में कहा कि एसआईटी की जांच जारी है। पीड़ित के परिवार के साथ न्याय करेंगे। लेकिन 3 अक्टूबर को रात होते होते यूपी सीएम ऑफिस के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से जारी किए गए ट्वीट में सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने की बात कही गई है। इससे पहले शुक्रवार को सीएम योगी आदित्य नाथ ने इस मामले पर ट्वीट कर लिखा था कि उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। आपकी यूपी सरकार प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है। यह हमारा संकल्प है-वचन है।

लंबी मशक्कत के बाद दोनों नेताओं (राहुल और प्रियंका गांधी) को हाथरस जाने की मिली अनुमति 

कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा दिल्ली से हाथरस के लिए निकले। डीएनडी पर लंबी मशक्कत के बाद दोनों नेताओं को हाथरस जाने की अनुमति मिली और हाथरस में पीड़ित परिवार से एक घंटे की मुलाकात के तुरंत जैसे ही दिल्ली लौटे। यूपी सरकार की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश की खबर आ गई। इस केस में शुरू से ही यूपी पुलिस और जिला प्रशासन की लापरवाही के कई सबूत मीडिया के सामने आए थे। जिसके बाद विपक्षी नेताओं समेत देश के कई हिस्सों में यूपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। दो दिन के लिए तो पुलिस ने पीड़ित के गांव में मीडिया तो जाने की इजाजत भी नहीं थी।

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