केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 वर्ष की उम्र में 8 अक्टूबर, 2020 को शाम के समय में निधन हो गया। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इस बात की जानकारी उनके बेटे और सांसद चिराग़ पासवान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने अपने पिता की तस्वीर के साथ लिखा कि पापा... अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा''
ऐसा रहा राजनीतिक सफर, मौसम वैज्ञानिक बोलते थे लालू
राम विलास पासवान को मजाक में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मौसम वैज्ञानिक बुलाते थे। इसकी वजह यह थी कि रामविलास हमेशा सत्ता के साथ रहे। उन्होंने छह प्रधानमंत्रियों के साथ कैबिनेट में काम किया था। राम विलास पासवान जो एक समय में कांग्रेस की सत्ता के खिलाफ इमरजेंसी के दौरान जेल गए थे, बाद में उसी की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे। उस दौरान बीजेपी उनकी नीतियों का विरोध करती थी लेकिन वर्तमान समय में पासवान मोदी सरकार में फिर से मंत्री बने।
https://twitter.com/iChiragPaswan/status/1314221533653467137?s=20
उन्होंने साल 1983 में दलितों के उत्थान के लिए दलित सेना का गठन किया था। वहीं 1989 में नवीं लोकसभा में तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए। केंद्र की वीपी सिंह सरकार में उन्हें पहली बार कैबिनेट में जगह मिली और श्रम कल्याण मंत्री बनाया गया। इसके बाद एचडी देवगौड़ा और आईके गुजरात की सरकार में साल 1996 से 1898 तक पासवान को रेल मंत्री बनाया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने लिखा- ''मैं बेहद दुखी हूं, हमारे देश में एक निर्वात पैदा हो गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। श्री रामविलास पासवान जी का निधन एक व्यक्तिगत नुक़सान है, मैंने एक दोस्त और सहकर्मी खो दिया। वो एक ऐसे शख़्स थे जो हमेशा ये सुनिश्चित करने को उत्सुक रहते थे कि हर ग़रीब एक सम्मानपूर्ण जीवन जी सकें। ''


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