CENS के वैज्ञानिकों ने LED द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले सफेद प्रकाश के उत्सर्जन से जुड़ी एक नई अंतर्दृष्टि की खोज की

सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज  के वैज्ञानिकों ने एलईडी द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले सफेद प्रकाश के उत्सर्जन से जुड़ी नई अंतर्दृष्टि की खोज की, जो एक सामान्य प्रकाश स्रोत के तौर पर सफेद प्रकाश उत्सर्जक डायोड (एलईडी) के उत्पादन में रंग की गुणवत्ता एक महत्वपूर्ण चुनौती है। उच्च गुणवत्ता वाले सफेद प्रकाश का उत्पादन करने के तरीकों की खोज में जुटे वैज्ञानिकों ने प्रतिक्रिया संबंधी एकमहत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि का पता लगाया है, जो सफेद एलईडी का डिजाइन तैयार करने में मददगारसाबित हो सकता है...

सीईएनएस भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है। सीईएनएस के वैज्ञानिकों ने पाया कि अकार्बनिक रसायनों के नैनोक्रिस्टल सीज़ियम लेड हैलाइड भले ही सफेद प्रकाश उत्सर्जन की क्षमता दिखाते हैं, लेकिन नैनोक्रिस्टल काएक बहुत ही अजीब व्यवहार उन्हें इस क्षमता को जारी रखने से रोक देता है। सफेद प्रकाश उत्सर्जन की क्षमता इस तथ्य में निहित है कि इन क्रिस्टलों से होने वाले उत्सर्जन कोउनकेहैलाइड मिश्रणों मेंविवधता लाकरआसानी से पूरे दृश्यमान वर्ण – पट (स्पेक्ट्रम) पर टिकाया जा सकता है।

हालांकि वे नैनोक्रिस्टलों के बीच एक इंटर पार्टिकल मिश्रण के कारण सफेद प्रकाश उत्सर्जित करने में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप एकल उत्सर्जन हुआ। सफेद प्रकाश को प्रकाश के लाल, हरे और नीले तरंगों की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। इसलिए जब क्रिस्टल एक बार एकल उत्सर्जन देते हैं, तो वे सफेद रोशनी के निर्माण का मौका चूक जाते हैं।

डॉ. प्रलय के. संतरा के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने पाया कि क्रिस्टल के हैलाइड आयन कमरे के तापमान पर भी एक कण से दूसरे कणकी ओर चले जाते हैं और नैनोक्रिस्टल के एक मिश्रधातु का निर्माण करते हैं, जो एक एकल उत्सर्जन करता है। वर्तमान शोध के ये निष्कर्ष हाल ही में 'नैनोस्केल' नाम की शोध - पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। इस प्रतिक्रिया के गति विज्ञान (कैनेटीक्स) की यह समझ इंटरपार्टिकल मिक्सिंग को रोकने के लिए रणनीति विकसित करने में मदद करेगी, और यह टीम एलईडी बनाने के लिए एक ऐसा अनुसंधान कर रही है जो अच्छी गुणवत्ता वाली सफेद रोशनी का उत्पादन कर सके।

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