भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद को उनके जन्म दिन पर किया गया उन्हें याद

  • 62 साल पहले जारी नायाब डाक टिकट एवम फर्स्ट डे कवर  इंजिनियर  हया फातिमा के कलेक्शन में मौजूद

 

Haya Fatima

लखनऊ। भारत के पहले शिक्षा मंत्री और भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की यौमे पैदाइश पर इन्हें याद किया गया। सल्तनत मंज़िल, हामिद रोड, निकट सिटी स्टेशन, लखनऊ की रहने वाली इंजीनियर हया फातिमा बेटी नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, ऐडवोकेट ने कहा कि मौलाना आजाद का जन्म दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप मनाया जाता हैं।

यह सच है कि आज़ादी की लड़ाई में मौलाना आजाद ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था और हिन्दू मुस्लिम एकता की नींव रखी थी। ब्रिटिश सरकार की आलोचना करने के लिए उन्होंने उर्दू में एक साप्ताहिक पत्रिका अल हिलाल प्रारंभ की थी। इंजिनियर हया फातिमा ने आगे कहा कि मौलाना आजाद ने आई आई एम, आईंआईटी और यूजीसी संस्थान देश को दी। 


मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर, 1888 में मक्का, सऊदी अरब में हुआ था और उनका परिवार 1890 में कलकत्ता शिफ्ट हो गया था। धर्म के आधार पर पाकिस्तान के गठन का उन्होंने सख्त विरोध किया था। उनकी जयंती पर उनके अमूल्य योगदानों को हमेशा याद किया जायेगा। 

11 नवम्बर 1966 करीब 54 साल पहले 15 पैसे का डाक टिकट और फर्स्ट डे कवर भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी किया गया था, वो डाक टिकट और फर्स्ट डे कवर इंजिनियर हया फातिमा के कलेक्शन में आज भी मौजूद है। घर आए हुए लोगों ने उनके नायाब कलेक्शन की भरपूर तारीफ की। 


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