पटाखा बेदारी मुहिम चलाने और बिना पटाखा वा आतिशबाजी के दिवाली मनाने की अपील

 नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, ऐडवोकेट

लखनऊ। लोगों को बेदार करने के लिए विभिन्न संगठनों की जानिब से चलाई जा रही पटाखा विरोधी मुहिम का इस्तेकबाल करते हुए रॉयल फैमिली के नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा, ऐडवोकेट ने लोगों और ख़ास कर बच्चों को पटाखा बगैर दिवाली मानने और इस मौके पर विशेष रूप से एहतियात बरतने की अपील की। 

उन्होंने आगे कहा कि पटाखा से होने वाले नुकसान के बारे में ज़रूर बताया जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं कि पटाखों से निकला धुआं हमारे वातावरण को नुकसान पहुंचाता है। दिवाली में पटाखों की वजह कर वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड की मकदार में कई गुना इजाफा हो जाता है जो सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक साबित होता है।

उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी इस तरह के मामलात पर हुक्मनामा जारी किए जा चुके हैं। 125 डिस्बल से अधिक आवाज़ वाले पटाखों का इस्तेमाल कानूनन जुर्म है, बल्कि हॉस्पिटल वगैरह के 100 मीटर के दायरे में पटाखा छोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित है। रात 10 बजे के बाद पटाखे छोड़ने वा बजाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का भी कानून है। 


सुप्रीम कोर्ट ने हुकूमत और ज़िला प्रशासन से अपील की के वो कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करवाएं और इस ऐलान को समाचार पत्रों के द्वारा भी लोगों को बताएं। नवाबजादा सैय्यद मासूम रज़ा ने आगे कहा कि दिवाली पर होने वाले हादसात में कितने ही बच्चे और नौजवान अंधे, बहरे और हादसे का शिकार हो जाते हैं, इनमें कई मर भी जाते हैं। पटाखों के धमाकों से बचने के लिए अस्थमा के मरीजों को शहर से दूर खामोश वा साफ सुथरा माहौल में रहने की सलाह दीजाती है। हम सभी का फ़र्ज़ है कि एक दूसरे का दुख दर्द महसूस करें।


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