उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेन्स का ढिंढोरा पीटने वाली भारतीय जनता पार्टी का असली रूप शिक्षक भर्ती में सामने आ गया है। शिक्षक भर्ती 2019 के 31277 अभ्यर्थियों की चयन सूची में विसंगतियों को लेकर राज्य की योगी सरकार हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही योगी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। मा0 हाईकोर्ट में शिक्षक भर्ती को लेकर सरकार द्वारा दाखिल किए हलफनामें में यह स्वीकारोक्ति कि चयन प्रक्रिया में कुछ विसंगतियां रही हैं, भारतीय जनता पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर करती है।
उन्होंने कहा कि एनआईसी के माध्यम से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाना अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों के अधिकारों का न सिर्फ खुला उल्लंघन बल्कि एक बड़े भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण भी है। प्रदेश सरकार सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होने कहा कि कम अंक पाने वालों को नियुक्ति पत्र देना सरासर गलत है।
सरकार अपनी मनमानी पर उतारू होकर योग्यता का अपमान कर रही है और भ्रष्टाचार को खुला प्रश्रय देने का काम रही है। योगी सरकार द्वारा मा0 हाईकोर्ट में दिये गये हलफनामे में चयन सूची में विसंगतियों को स्वीकार किये जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे कांग्रेस पार्टी द्वारा भाजपा पर लगाये जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हो गयी है कि शिक्षक भर्ती में जमकर धांधली की गयी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार संस्थागत और संगठित भ्रष्टाचार के माध्यम से नौजवानों, बेरोजगारों व किसानों के साथ लगातार छल कर रही है। उन्होने कहाकि 68.78 प्रतिशत अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल जाता है और 71.1 प्रतिशत अंक पाने वालों को काउंसिलिंग के लिए अयोग्य करार दिया जाता है और वह न्यायालयों के चक्कर लगाने को अभिशप्त हैं।
उन्होंने कहा कि कई बार नियुक्तियों को लेकर शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने राजधानी में धरना प्रदर्शन किया और अपनी आवाज उठायी किन्तु योगी सरकार ने अपने इसी भ्रष्टाचार को पोषित करने के लिए पुलिस की लाठी के दम पर अभ्यर्थियों की आवाज को दबाने का प्रयास किया। जितनी भी योगी सरकार में भर्तियां निकाली गयीं एक भी भर्ती पूरी नहीं हुई और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि योगी सरकार में इससे पहले भी तमाम भर्तियों में धांधलियों के आरोप के चलते भर्तियां निरस्त की जा चुकी हैं और सभी भर्तियों में माननीय न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा है। अभी कल ही यूपीएसएसएससी की बीडीओ भर्ती के सफल अभ्यर्थियों ने कई वर्षों से नियुक्ति न मिलने के खिलाफ मुख्यमंत्री आवास पर धरना-प्रदर्शन किया था। उनकी जायज मांगों को मानने के बजाय उनको पुलिस के बल पर गिरफ्तार कर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की गयी। युवा हताश एवं निराश है।
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