SIDDHARTH NAGAR NEWS : इटवा में चिराग़ तले अँधेरा वाली कहावत चरितार्थ प्रतीत हो रही है, आइए जाने क्यों ?


राजेश शास्त्री, संवाददाता   

इटवा। तहसील मुख्यालय पर ही चिराग़ तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ होते दिखाई देती है फलत: इटवा बांसी मार्ग पर निरीक्षण भवन से होकर कमदा लालपुर तक जानें वाली बाईपास सड़क की दशा अत्यन्त ख़राब होने के कारण लोगों को आवागमन में काफ़ी  दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। उक्त सड़क के सम्बन्ध में लोगों का कहना है कि कई वर्ष पूर्व लाखों रूपयों की लागत से निर्मित यह बाइपास सड़क आवागमन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह सड़क क़स्बे की आबादी से बाहर है तथा डुमरियागंज रोड से कम दूरी लेकर निरीक्षण भवन होते हुए बांसी रोड को जोड़ती है।

इसके बावजूद इस सड़क की हालत इतनी ख़राब हो चुकी है कि जरा सी वर्षा होने पर इस सड़क से लोगों का गुज़रना जानलेवा साबित हो रही है। क्योंकि इस सड़क पर अनगिनत गड्ढे और ज़रा सी बरसात होने पर उन गड्ढों में एकत्र पानी राहगीरों के लिए हमेशा अभिशाप बनी ही रहती है। वर्षा के मौसम में तो यह सड़क बीच बीच में तलैय्या का विकराल रूप धारण कर लेती है और पूरे चार माह तक यह रास्ता राहगीरों के लिए बंद रहती है।


जबकि इसी रोड पर स्थित निरीक्षण भवन भी स्थापित है जहां पर आये दिन किसी न किसी अधिकारी नेता विधायक अधिकारी सांसद मन्त्री एवं प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना  प्राय: लगा ही रहता है बावजूद इसके निर्माण कार्य से लेकर आज तक किसी भी शासन व प्रशासन के लोगों ने इस सड़क की तरफ़ ध्यान देना नुनासिब ही नहीं समझा जो राहगीरों के लिए आज भी इस सूखे मौसम में भी इस रोड से पैदल अथवा वाहन से यात्रा करना लोहे का चना चबाने जैसा ही कठिन लग रहा है। जो शासन व प्रशासन की उदासीनता का द्योतक है।

इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय लोगों सहित कई राहगीरों ने इस संवाददाता को बताया कि मीडिया के माध्यम से हम लोगों की करूण पुकार की वेदना शासन व प्रशासन तक पंहुचाई जाए जिससे अबिलम्ब कमदालालपुर से निरीक्षण भवन होते हुए इटवा बांसी मार्ग को जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण सड़क का सुन्दरीकरण होकर पिच रोड बनवाया जा सके  और आम लोग लाभान्वित हो सकें।

       

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