आइए जाने, वह कौन था जिसकी तालीमी मैदान में सेवाएं बेमिसाल थी, जो इस दुनिया में नही रहें


सग़ीर ए ख़ाकसार

लखनऊ। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और रहमानी 30 पटना, बिहार के संस्थापक मौलाना वली रहमानी का इंतेक़ाल हो गया है वो 77 साल के थे। पिछले एक हफ्ते से वो बीमार थे। तालीमी मैदान में उनकी सेवाएं बेमिसाल थीं।मौलाना के निधन पर विभिन्न सियासी दलों, सामाजिक संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े लोगों ने गहरे रंजो ग़म का इज़हार किया है।

तालीमी बेदारी के सरपरस्त अख्तर हुसैन, दुबई, शमीम अख्तर अंसारी, अध्यक्ष डॉ वसीम अख्तर, महासचिव निहाल अहमद, प्रदेश अध्यक्ष सग़ीर ए खाकसार, इंजीनियर इरशाद अहमद खान (अलीग) ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मौलाना के यूं चले जाने से हम सभी सदमे हैं। हम लोगों ने शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले अभिभावक को खो दिया है।अल्लाह उन्हें जन्नतुल फिरदौस में जगह अता फरमाये। 

उन्होंने रहमानी 30 की स्थापना की है, जो गरीब बच्चों के डॉक्टर व इंजीनियर बनने के सपने को उड़ान दे रहा है। राष्ट्रीय मदरसा संघ नेपाल के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल गनी अलकूफ़ी व महासचिव मौलाना मशहूद खान नेपाली, राष्ट्रीय मुस्लिम आयोग के सदस्य मिर्ज़ा अरशद बेग ने कहा कि मौलाना का निधन पूरे मुस्लिम उम्मा के लिए अपूरणीय क्षति है।

आल इंडिया मुस्लिम प्रोफेशनल के आमिर इदरीसी व जय हो फाउंडेशन मुम्बई के अफ़रोज़ मलिक ने कहा कि हम सब  मौलाना के कामों से बहुत प्रभावित थे। मौलाना 1974 से 1996 तक बिहार में एमएलसी भी रहे। वो एक सियासी रहनुमा भी थे। उनके निधन से हम सभी स्तब्ध व दुखी हैं।

युवा चेतना अवार्ड से सम्मानित मो0 इब्राहिम,सामजिक कार्यकर्ता निज़ाम अहमद, डॉ एहसान खान, डॉ शेहाब ज़फर, अंसार अहमद खान, फरीद सूरी, डॉ तारिक़ अफ़ज़ल सिद्दीकी, मो जमाल खान, डॉ आरिज़ कादरी, रिज़वान अंसारी, हिसामुद्दीन अंसारी, ज़िया मलिक, अब्दुल मोईद खान, रियाज़ अहमद, मो जमाल, सुलेमान शम्सी, शोएब अख्तर आदि ने मौलाना वली रहमानी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

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