राजेश शास्त्री, संवाददाता
लखनऊ। आज 26 मई, 2021 को इसका पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इसके साथ ही इस चंद्रग्रहण में इस साल का पहला और आखिरी सुपरमून और ब्लड मून भी नजर आयेगा। नूतन वर्ष का यह पहला चंद्रग्रहण वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगेगा जो कि 3 घंटे का होगा। यह तिथि 26 मई को पड़ रही है। इस चंद्र ग्रहण के दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है। इस दिन चंद्रग्रहण के साथ-साथ बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा। यह चंद्रग्रहण एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा परन्तु भारत में यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण के रूप में दिखाई देगा। हालांकि यह चंद्रग्रहण भारत में हर जगह से नहीं दिखाई देगा, इसलिए इसमें सूतक काल नहीं रहेगा।
कब लगेगा चंद्रग्रहण?
यह चंद्रग्रहण 26 मई, 2021 दिन बुधवार को वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है। यह दोपहर में करीब 3.15 बजे शुरू होगा और शाम के समय 7 बजकर 19 मिनट तक जारी रहेगा।
चंद्रग्रहण प्रारंभ
26 मई, बुधवार को दोपहर 3:15 मिनट पर शुरू
चंद्रग्रहण समाप्त
7:19 बजे पर समाप्त
चंद्रग्रहण का सूतक काल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है परन्तु यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है और भारत में यह दिखाई भी नहीं पड़ेगा। इसलिए इस चंद्रग्रहण का कोई सूतक काल नहीं होगा।
क्या है रेड ब्लड मून?
26 मई को लगने वाला चंद्रग्रहण एक खास खगोलीय घटना होगी क्योंकि एक ही बार में सुपरमून, चंद्र ग्रहण और लाल रक्त चंद्रमा होगा। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रग्रहण होता है।
इस स्थिति के कारण पृथ्वी की छाया चांद की पूरी रोशनी को ढंक लेती है, ऐसे में सूर्य की रोशनी पृथ्वी की वायुमंडल से टकराकर जब रोशनी चांद पर पड़ती है तो चांद चमकीला हो जाता है।
जब चांद धीरे-धीरे धरती के पीछे पहुंचता है तो उसका रंग अधिक गहरा हो जाता है और तांबे के रंग जैसा यानी गहरा लाल दिखने लगता है। इस रंग के कारण इसे ब्लड मून कहा जाता है।
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