राजेश शास्त्री
सिद्धार्थनगर। आज 5 जून को विश्वपर्यावरण दिवस पर सबको पर्यावरण ही दिखाई देता लेकिन हमारा मानना है की पर्यावरण का ख्याल हमे जीवनप्रयंत करना चाहिए क्योंकि इससे सम्पूर्ण मानव जगत और पशु पक्षी जुड़े है। आइए हम सब संकल्प ले और मिलकर एक-एक वृक्ष लगाएं, गांव, शहर और घर, स्कूल, कॉलेज, खाली स्थानों एवम् सड़क के किनारे वृक्ष लगाकर हरियाली बनाएं।
कोविड-19 में जिस तरह हमारे देश के लोग ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे थे। उसका मुख्य कारण है कि हम पेड़ों का कटान तो करते हैं लेकिन हम पुनः वृक्षारोपण नहीं करते हैं जिसके कारण ऑक्सीजन के लिए लोगों को काफी भटकना पड़ा और ऑक्सीजन के कमी से काफी लोगों को जान भी गंवानी पड़ी। इसलिए हम सब मिलकर एक संकल्प ले की ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों की कद्र करें। और हम सब ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाएं।
गांव-गांव, शहर-शहर हम सब मिलकर अलख जगाए। आओ हम सब मिलकर एक-एक वृक्ष लगाएं। एक वृक्ष 10 पुत्र समान। हर एक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम 15 वृक्ष जरूर लगाएं और जीवन भर प्राण दायिनी ऑक्सीजन पाएं। पर्यावरण को सुरक्षित रखने में वृक्षों का योगदान सदा से रहा है। वृक्ष ही हमारे धरा का आभूषण है। पर्यावरण की रक्षा करना ही पर्यावरण संरक्षण है यह प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों रूपों से हमें लाभ पहुंचाता है।
प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों ने हमें प्रकृति की पूजा, उपासना के द्वारा प्रकृति संरक्षण का पाठ पढ़ाया है। पर्यावरण को सुधारना हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती हैं। पर्यावरण विश्वदिवस मनाने का हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि हमारी प्रकृति की रक्षा के लिए जन जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। लोगों में जागरूकता की कमी के कारण आज हम सब को अपने एवम् अपने परिवार के लिए ऑक्सीजन के कारण दर दर भटकना पड़ा।
इसका मुख्य कारण यह है कि हम बृक्ष तो लगाते हैं लेकिन उसकी उचित देखभाल एवम् उचित रखरखाव की कमी के कारण हर वर्ष लाखों पौधे नुकसान हो जा रहे हैं।हम कई छोटे-छोटे प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं जैसे अपने आसपास पेड़ पौधे लगा सकते हैं तथा अन्य लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जैसे वन और वनों में रहने वाले जीव जंतुओं की रक्षा करने लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं तथा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करें।
इसके लिए हम प्रदर्शनी, संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, रेडियो, सोशल मीडया, टेलीविजन, सिनेमा, समाचार पत्र पत्रिकाओं का प्रयोग करें। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारी सरकार को और अधिक प्रयत्नशील होना चाहिए तथा इसके लिए कठोर कानून बनाए जाने चाहिए। पर्यावरण संरक्षण हम कई प्रकार से कर सकते हैं जंगलों का संरक्षण, दुर्लभ जड़ी बूटियां तथा पेड़ पौधों का संरक्षण, विभिन्न पक्षियों की दुर्लभ जातियों का संरक्षण सम्मिलित कर सकते हैं।
जिसका अस्तित्व आज के दूषित पर्यावरण के कारण लुप्त होता जा रहा है। आज विभिन्न उद्योगों तथा कल कारखानों के कारण हमारा पर्यावरण जिस प्रकार प्रदूषित हो रहा है उस पर भी हमें विचार करने की आवश्यकता है पंछी विहार, वन विहार आवागमन के विभिन्न साधन बांध, पुल, बाग, बगीचे हरियाली के लिए लगाए हुए हरे पेड़ पौधे भी हम सृजनात्मक संरक्षण के अंतर्गत सम्मिलित कर सकते हैं।
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