आगे का समय बहुत खराब, जो आपके पास अभी समय है दोबारा मिलने वाला नहीं : सन्त बाबा उमाकान्त

जयपुर, राजस्थान। अब तक जितने भी सन्त धरती पर आए, सबने मिलकर जितने जीवों को नामदान नहीं दिया उनसे कई गुना ज्यादा जीवों को नामदान देकर जन्म-मरण और नर्क-चौरासी से छुटकारा दिलाने वाले बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकारी उज्जैन के पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 1 अगस्त 2021 को रजनी विहार आश्रम, जयपुर में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरूदेवयूकेम पर प्रसारित सतसंग में अपनी दिव्य दृष्टि से आगामी विकट भविष्य को देखते हुए बताया कि देखो प्रेमियों! यह जीवन का जो समय अभी आपको मिला है, यह दोबारा फिर मिलने वाला नहीं है। इसलिए आप इन छोटी-छोटी चीजों में मत फंसो। आप बड़ी चीज की इच्छा क्यों नहीं करते हो? बड़ी चीज को पा लो, अपने घर, अपने धाम पहुंच जाओ, जहां से आए हो, जहां से जीवात्मा आई है, वो काम क्यों नहीं करते हो? वह काम कर लो तो उसी से सब काम बन जाएगा।

प्रेमियों! जरूरत पड़ जाने पर कोई भी काम आपका रुकेगा नहीं

जैसे रिद्धि-सिद्धि जहां पर बैठ जाती हैं, वहां पर कमी नहीं होने देती हैं। आप ही लोगों में कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनको एहसास होता है कि हम कमाते तो हैं लेकिन बरकत नहीं हो रही, बचत नहीं हो पा रही। कुछ आप भजनानंदी हो, भजन करते हो, गुरु के बताए रास्ते पर चलते हो, हाजिरी लगाते हो, नीयत आपकी दुरुस्त है, खानपान खराब नहीं है, विचार-भावना, चाल-चलन सही है तो आपको बरकत मिल जाती है।

कम पाते हो तो उसी में आपका पूरा हो जाता है। इच्छा करते हो कुछ बच भी जाये तो बचा भी लेते हो। ऐसे ही आप इन छोटी चीजों में मत फंसो। बड़ी चीज की इच्छा रखो। थोड़ा ही मिल जाएगा आपको, वह ज्यादा हो जाएगा। जरूरत पड़ने पर आपका कोई भी काम नहीं रुकेगा।

संस्कार तो आपके अच्छे हैं कि गुरु महाराज आपको मिले लेकिन उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हो

प्रेमियों! आपको जो रास्ता मिला, उस रास्ते पर चलो। आप बहुत से लोग गुरु महाराज के शिष्य हो, उनके समय के हो। आपके संस्कार ऐसे हैं कि आप कुछ के पिताजी, दादाजी भी गुरु महाराज के नाम दानी हैं। संस्कार तो आपका अच्छा है लेकिन इस संस्कार का आप लोग उपयोग करो। जिनको नामदान रास्ता नहीं मिला, इच्छा बनाए रखना। इच्छा जब बनी रहती है, मन लगा रहता है तो काम हो जाता है।

प्रेमियों! लक्ष्य बनाओ कि हमको इसी जन्म में अपने घर सतलोक जाना है

अक्सर लोगों की शिकायत है कि मन नहीं लगता है भजन-ध्यान-सेवा, काम में। बहुत से लोग कहते हैं किसी काम में मन नहीं लगता है। तो कहां लगता है? कहीं तो लगता होगा। देखो की आपका मन कहां लग रहा है। इधर का लक्ष्य बनाओ कि हमको मन इसी में लगाना है। यह लक्ष्य बनाओ, उद्देश्य रखोगे कि हम को नाम दान मिल जाए, हम भी भजन करेंगे। जब ऐसी कोई चीज की इच्छा बन जाती है तो गुरु महाराज जी की दया रही तो जल्दी ही नाम दान आपको मिल जाएगा।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ