Barabanki News : एक दिन बाद भी नहीं लग पाया भैंसे का पता प्रशासन मौन



  • जलकुभी बना सेतु पुल पैदल लोग इधर से उधर कर रहे सफर

भक्तिमान पांडेय

बनीकोडर, बाराबंकी। असंद्रा थाना क्षेत्र और सिल्हौर गांव के पास गोमती नदी पर नवनिर्माण पुल के निर्माण के दौरान नदी में नहाने गए तीन भैंसे लापता हो गई। सूचना पर परिजनों के द्वारा मवेशियों को काफी तलाश किए जाने के बाद जलकुंभी में कहीं पता नहीं चल सका। ऐसे में देर रात तक सर्ज अभियान चालू रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस व तहसील प्रशासन से गुहार लगाने के बाद ही कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा।


घटना असंद्रा थाना क्षेत्र के सिल्हौर गांव स्थित सिल्हौरघाट पर पक्का पुल निर्माण का है। जहां पर पहले से पीपा पुल ग्रामीणों के आवागमन के लिए है। लेकिन इन दिनों निर्माण के दौरान कार्यदाई संस्था के द्वारा नदी में खोदे गए गड्ढों में गांव निवासी सीताकांत मिश्र की दो भैंस कीमत करीब एक लाख व तिलक राज मिश्रा की एक भैंस कीमत 60000 नदी में डूब कर लापता हो गई। ग्रामीणों के द्वारा खोज किए जाने का पता नहीं चल सका। ग्रामीणों ने इसकी सूचना रामसनेहीघाट तहसील के अधिकारियों के साथ पुलिस प्रशासन को दी। 

ग्रामीणों का आरोप है कि 112 के पुलिसकर्मी मौके पर जाकर लौट आए। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की शिथिल कार्रवाई से लाखों की कीमत भैंस की डूब कर मर गई। जिनके शवों की तलाश की जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कार्यदाई संस्था द्वारा पक्का पुल निर्माण में लापरवाही बरतने से घटना घटित होने का आरोप लगाया है।एक दिन बाद भी नहीं मिली लापता भैंसे सिल्हौरघाट में मंगल वार को डूबी तीन भैंसे का अभी तक पता नहीं चल पाया है। जिससे लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन मोन बैठा हुआ है और बुधवार को दिन भर वहां पर कोई भी प्रशासन नहीं पहुंचा और ना ही जलकुंभी जी का सफाई करवाया गया।

तत्काल खोला गया पीपा पुल 

अधिक जलखुमभी आ जाने से तीन भैंसे उसी जलकुंभी में धंस गई और लापता है। प्रशासन को सूचना देने के बाद भी अभी तक जलकुंभी नहीं सर सफाई करवाई गई जिससे क्षेत्रीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन का मौन होने का दावा भी ग्रामीण कर रहे हैं।

जलकुंभी बना सेतु पुल 

स्थानीय ग्रामीण जलकुंभी के ऊपर से आते जाते नजर दिखाई दे रहे हैं जिससे किसी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है लेकिन स्थानीय प्रशासन 2 दिन बीत जाने के बाद भी मौन दिखाई दे रहा है। अभी तक जलकुंभी की सफाई नहीं करवाई गई। जिससे क्षेत्रीय लोग पैदल उसी पर आते जाते रहते हैं और बड़ा हादसा किसी भी बीच अगर जलकुंभी नहीं हटाई गई तो हो सकता है।

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