- डीडीसी चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने का मामला
- अनुसूचित जाति को आरक्षित सीट में क्षत्रिय ने जीता चुनाव
बाँदा। जिला पंचायत सदस्य चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर वार्ड-14 से चुनाव जीतने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। जिला स्तरीय समिति के पास मामला पहुंचा तो डीएम ने तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं। 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। आरोप है कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से क्षत्रिय महिला फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव जीती हैं। गुरेह गांव निवासी राजाभइया ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति को इस संबंध में ज्ञापन दिया है।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत वार्ड-14 में रेखा सिंह पत्नी दिलीप सिंह चुनाव जीती हैं। उन्होंने क्षत्रिय होने के बावजूद अनुसूचित जाति के लिए आरिक्षत सीट से फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव जीता है। रेखा सिंह के मायके (महोबा) में परिवार रजिस्टर व प्राइमरी स्कूल बीला दक्षिण में में रेखा की जाति क्षत्रिय अंकित है। उसके पति दिलीप सिंह ठाकुर हैं, इस कारण अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं हुआ। तहसीलदार की आख्या के मुताबिक रेखा पत्नी दिलीप को छह अक्टूबर 1994 को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र अभिलेखों में जारी होना नहीं पाया गया।
31 जनवरी 2012 में न्यायालय की तमाम समीक्षा में भी वह अनुसूचित जाति की महिला नहीं पाई गईं। इन दोनों निर्णयों को छिपाकर रेखा देवी ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया। उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है। राजाभाइया ने इसकी जांच कर प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की। राजाभइया के अधिवक्ता सैय्यद अली मंजर के मुताबिक मामले की जांच डीएम ने तहसीलदार को सौंपी है और 15 दिन में इसकी आख्या मांगी है।
0 टिप्पणियाँ
Please don't enter any spam link in the comment Box.