- घूरा राम, सुभाष राम- अमर रहे, अमर रहे के नारे से गूंजा पूरा चिलकहर ब्लाक
जयराम अनुरागी, ब्यूरो चीफ, बलिया
बलिया। चिलकहर ब्लाक मे छोटेलाल द्वारा अपना पर्चा वापस लेने से आदित्य गर्ग उर्फ़ सूर्यकान्त का निर्विरोध ब्लाक प्रमुख निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया। एक मात्र प्रतिद्वन्दी छोटेलाल ने अपना पर्चा 1.40 पर अपना पर्चा वापस कर लिया। जैसे ही छोटेलाल के पर्चा वापस लेने की खबर बाहर फैली आदित्य गर्ग के समर्थको ने घूरा राम अमर रहे, सुभाष राम अमर रहे से ब्लाक मुख्यालय गुज गया।
ज्ञात हो कि पूर्व मंत्री घूरा राम की पिछले साल 16 जुलाई को कोरोना से केजीएमसी मे इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। इनकी मृत्यु के लगभग एक माह बाद इनके छोटे भाई सुभाष राम के छोटे पत्र अजय गर्ग की 27 वर्ष की उम्र में असमामयिक मृत्यु हो गयी।
अभी ये परिवार इन संकटो से अभी उबरा भी नही था कि सुभाष राम की भी पिछले साल 6 सितमृबर को लखनऊ मे इलाज के दौरान असामयिक निधन हो गया। इस तरह इस परिवार मे पौने दो माह मे तीन मौतो के होनो से ये पूरा परिवार एक तरह से उजड सा गया था। लेकिन घूरा राम के बडे पुत्र डा० संतोष कुमार ने जिस जिम्मेवारी से अपने पूरे परिवार को लेकर चलने का कार्य किया है, आज उसकी चातुर्दिक प्रशंसा हो रही है।
यही कारण है कि आज एक साल के अन्दर इस परिवार मे सुभाष राम के लडके जहां पहाडपुर का ग्राम प्रधान का चुनाव जीत कर बहुत कम उम्र में प्रधाध बनने का खिताब अपने पक्ष मे कर लिया है, वही पर आदित्य गर्ग आज ब्लाक प्रमुख बनकर एक एतिहासिक कार्य ही नही किया है, बल्कि 1995 मे सुभाष राम जहा एक वोट के चलते प्रमुख नहींं बन पाये थे , उन सपनो को भी आज पूरा कर दिया।
ज्ञात हो कि जब 1995 में नयी पंचायती राज व्यवस्था मे चिलकहर जब पहली बार प्रमुखी में अनुसूचित जाति के आरक्षित हुआ था तो तो उस समय घूराराम उत्तर प्रदेश की सरकार मे स्वास्थ्य राज्य मंत्री थे। उसी समय इनके छोटे भाई सुभाष राम प्रमुखी का चुनाव लडे़ थे। लेकिन उस समय सभी दल इनको रोकनें के लिए एक हो गये थे। ऐसी स्थिति मे सुभाष राम मात्र एक वोट से चुनाव हार गये थे।
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