BALLIA NEWS : बेल्थरा रोड विधानसभा से सपा के दावेदारों में डॉ. संतोष कुमार सबसे आगे

  • बेल्थरा रोड में सपा से टिकट पाने वालों की लगी होड
  • बसपा माइंडेड पुराने कैडरो का भी इस बार सपा की तरफ झुकाव 
  • पूर्व विधायक गोरख पासवान को अपने ही लोगों की झेलनी पड़ रही है नाराजगी

जयराम अनुरागी

बलिया। हालांकि विधानसभा चुनाव होने में सात-आठ माह की देरी है, लेकिन टिकट के दावेदारों ने टिकट पाने के लिए अभी से अपना-अपना जुगाड़ लगाना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादे ये भीड समाजवादी पार्टी में देखी जा रही है। खासतौर से बेल्थरा रोड सीट इस समय खास चर्चा में है। सूत्रों की माने तो इस सीट पर करीब एक दर्जन दावेदार बताये जा रहे है। इसमें से जो नाम खास चर्चा में है, उसमे पूर्व मंत्री स्व० घूरा राम के पुत्र डॉ. संतोष कुमार, पूर्व विधायक गोरख पासवान, सपा के जिला महासचिव राजन कन्नौजिया, राजेश पासवान, रामेश्वर पासवान आदि नाम खास चर्चा में है। इसमे सबसे ज्यादे जो नाम चर्चा में है, वह है डॉ. संतोष कुमार।

डॉ. संतोष कुमार पुत्र पूर्व मंत्री स्व० घूरा राम

इसके पीछे जो तर्क दिये जा रहे है, वह यह है कि प्रमुखी चुनाव के दौरान सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक बयान दिया था कि प्रमुखी जिताओ और विधानसभा का टिकट पाओ। इधर डॉ. संतोष कुमार ने अपने छोटे भाई आदित्य गर्ग को चिलकहर से प्रमुख जिताकर अपना लोहा मनवा दिया है। दूसरा जो कारण है कि सभी प्रत्याशियो में सबसे ज्यादे पढ़े- लिखे है और पीएचडी डिग्री प्राप्त है। इसके अलावा इनका जो सबसे ज्यादा मजबूत पक्ष है वह यह है कि पिछले साल इनके पिता स्व० घुरा राम ने बसपा छोडकर जब सपा ज्वाईन किया था तो उस समय भी यही मान कर शामिल कराया गया था कि अगला चुनाव घूरा राम को ही लड़ना है।

लेकिन ये उसी समय कोरोना महामारी के शिकार हो गये। इनके न रहने का भी सहानुभुति लाभ पार्टी और समाज हर जगह मिलता दिख रहा है। इनके मजबूती के जो अन्य कारण बताये जा रहे है, वह यह है कि ये जिस समुदाय से आते है, उसके प्रबुद्ध वर्ग का एक बड़ा खेमा पूरे उत्तर प्रदेश में बसपा से मोह भंग होकर सपा की तरफ झुकाव दिखाई दे रहा है। इसे भी समाजवादी पार्टी बनाना चाहती है। इसके पीछे समाजवादी पार्टी के नेताओं का तर्क है कि आज राजनैतिक परिस्तिथियां बदली हुई है। ऐसे में डॉ. संतोष कुमार से अच्छा कोई दूसरा प्रत्याशी हो ही नही सकता है। यही कारण है कि डॉ. संतोष कुमार इस समय बेल्थरा से सपा के सभी दावेदारों में सबसे आगे चल रहे है।

गोरख पासवान इस समय सपा में हाशिये पर चल रहे है

जहां तक इस सीट से विधायक रहे गोरख पासवान की बात है तो वह इस समय हाशिये पर चल रहे है। कारण कि सपा ने पहले इन्हें जहां विधायक और इनके पुत्र को जिला पंचायत का चेयरमैन बनाकर पार्टी को मजबूत बनाने का मौका दिया था, उस पर ये खरे नही उतर पाये। पार्टी का मानना है कि इनका पूरा ध्यान अपने परिवार को मजबूत करने पर ही लगा रहा। यहां तक कि ये जिस समुदाय से आते है, उस समुदाय को भी मजबूत नही कर पाये। इनका सबसे ज्यादे विरोध इनके समुदाय में ही हो रहा है। 

इनके समुदाय के कुछ लोग तो सोशल मीडिया में एक अभियान सा चला रखा है कि यदि गोरख पासवान को टिकट मिला तो इसका खुल कर विरोध किया जायेगा। इनका तर्क है कि ये एक तरह से पासवान विरोधी है। ये नहीं चाहते है कि पासवान समाज मे दूसरा कोई नेता पैदा हो। यही कारण है कि बेल्थरा विधान सभा से  पासवान समाज से किसी को भी जिला पंचायत के चुंनाव में अधिकृत प्रत्याशी नही बनने दिया। ये चाहते तो किसी को भी अपने क्षेत्र से प्रत्याशी बनवा सकते थे, लेकिन ये ऐसा इसलिए नही किये कि कही ये मेरे लिए आगे चल कर चुन्नौती न बन सके।

गोरख पासवान, पूर्व विधायक, बेल्थरा रोड, बलिया 

इनके ही क्षेत्र के सपा के एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि पार्टी ने इन्हे जितना मौक़ा व पावर दिया था तो ये चाहते तो अपने समाज को बहुत मजबुती से पार्टी से जोड़ सकते थे, लेकिन ये अपनी पूरी ताकत को अपने परिवार को मजबूत करने तक ही सीमित रखे। 

अब जब चुनाव आया है तो इनको अपना समाज याद आया है, जहां इन्हे भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जहां तक सपा से दावेदारों की बात है तो एक नाम जिला महासचिव राजन कन्नौजिया का भी कभी-कभी आता रहता है, लेकिन इन्ही के समुदाय से भाजपा के वर्तमान विधायक धनंजय कन्नौजिया के आने से पार्टी को कोई खास लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। 

इनके आलावे इस पार्टी मे कोई अन्य मजबूत प्रत्याशी नही दिख रहे है। कभी-कभी एक दो लोग फेसबुक से लेकर सोशल मीडिया पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते है, लेकिन जमीन पर इनकी कोई खास पकड़ नही दिखाई देती है। ऐसे में कुल मिलाकर डॉ. संतोष कुमार का नाम बेल्थरा रोड से टिकट के दावेदारों में सबसे आगे माना जा रहा है। वैसे तो राजनीति में कब, क्या हो जाये, कुछ कहा नही जा सकता है।

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