- सरकार के अड़ियल रवैये पर जताया आक्रोश
बांदा। प्रदेश सरकार के द्वारा कोरोना योद्धा के सम्मान से नवाजे गए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी अपनी मांगों को लेकर अनशन करने के लिए मजबूर हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार हमारी उपेक्षा कर रही है, सरकार के अड़ियल रवैये की वजह से हम लोग धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
शनिवार को जिला अस्पताल परिसर में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के सामने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर दो घण्टे का सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो सोमवार को महानिदेशक कार्यालय लखनऊ का घेराव किया जाएगा और अगर उसके बाद भी हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो चिकित्सीय सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।
धरने में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग द्वारा पी एम एस संवर्ग, राजकीय नर्सेज संघ ,डिप्लोमा फार्मासिस्ट एवं डिप्लोमा फार्मेशिष्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन, एक्स-रे संघ, लैब टेक्नीशियन संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ एवं डेंटल हाइजीनिस्ट संघ सहित स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी कर्मचारी शामिल रहे।
धरना देने वालों में डा प्रदीप कुमार, डा. हृदय पटेल, डा मुकेश कुमार, अवधेश सिंह, जेएल राजपूत, पीएन सचान, वीरेंद्र सिंह, रमाशंकर सिंह, राम लखन चौरसिया, राजेंद्र कुमार राजपूत, एसपी त्रिपाठी, संजीव कुमार गुप्ता, चंद किशोर, शत्रुघन सिंह जीतेंद्र सिंह, नर्सेज संघ की उमा यादव, धर्मेंद्र लाल गुप्ता, रमेश कुमार, छोटेलाल व अंकित निगम आदि स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए।
एक तरफ तीसरी लहर की आहट से लोग डरे हुए हैं। वही दूसरी तरफ स्वास्थ्य कर्मियों के इस तरह के आंदोलनों से लोगों में और भी भय की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
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