- कार्यक्रम में प्रधानों को वितरण किये गए पेड़
बाँदा। हर ग्राम के ग्राम प्रधानों को यह संकल्प लेना चाहिये की उसका गाँव कुपोषणमुक्त गाँव हो, इसके लिये सरकार द्वारा नियुक्त आशावर्कर के साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। हमारा परिवार, समाज, गाँव व पूरा देश स्वस्थ बने इस उद्देश्य से कार्य करना आवश्यक है। परिवार के सभी सदस्य विशेषकर महिलायें अपने बच्चों की परवरिश ऐसे करें जिससे एक अच्छे समाज की रचना हो।
इस वर्ष चुनाव में कई महिला प्रत्याशी विजयी हुयी हैं, वे अपने गाँव के लिये विशेषकर महिलाओं व बच्चों के लिये आगे बढकर कार्य करें। ग्राम के विकास के लिये चयनित महिला प्रतिनिधी कार्य करें। गाँव में स्थित स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं अन्य ग्रामीण संस्थाओं के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा रचनात्मक कार्य करें। गाँव की महिलायें आत्मनिर्भर बनें इसके लिये महिला प्रधानो का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है, साथ ही अपनी छवि को भी पारदर्शी रखें।
समस्याओं के प्रति आपका ध्यान आकर्षित होना चाहिये। यह विचार विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं राज्यपाल, उ0प्र0, श्रीमति आनन्दी बेन पटेल ने जनपद बाँदा के अन्तर्गत आने वाले ग्रामों के नवनिर्वाचित महिला प्रधानों की क्षमता संवर्धन के एक दिवसीय कार्यशाला के आयोजन पर बतौर मुख्य अतिथि आनलाईन सम्बोधन के दौरान व्यक्त किया। इस कार्यशाला का आयोजन बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा एवं पंचायती राज विभाग, जनपद बाँदा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
राज्यपाल ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि सभी ग्राम प्रधान जाति देखकर कार्य न करें, सभी आपके अपने हैं। पूरी हिम्मत और लगन से गाँव के विकास के लिये कार्य करना है। उन्होनें निर्वाचित महिला गा्रम प्रधानों से अनुरोध किया की गाँव की सभी महिलाओं को एक साथ बैठायें और परिवार, स्वास्थ्य, परिवरिश एवं शिक्षा पर उनकी भूमिका पर चर्चा करें। बाल विवाह पर बोलते हुये उन्होने कहा कि एक गलत फैसला दो परिवारों के कई पीढ़ियों को कमजोर करता है।
इसे रोकने के लिये बच्चियों को अच्छी शिक्षा देने हेतु कार्य करें। चर्चा करना चाहिये कि क्या होना चाहिये और कैसे होना चाहिये, सबका प्रयास होगा तभी गाँव व देश तरक्की करेगा। निर्वाचित सभी महिला ग्राम प्रधानों को संकल्प लेना चाहिये की मेरा गाँव स्वच्छ हो, सभी शिक्षित हो, सभी पोषणयुक्त हो एवं सभी आगे बढ़ें। कोरोना के दृष्टिगत उन्होने सभी से अपिल की कि टीकाकरण अवश्य करायें तथा बिना माष्क कोई बाहर ना निकलें। कार्यक्रम की शुरूवात दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 यू0 एस0 गौतम ने अपने स्वागत उद्बोधन में कुलाधिपति अपर मुख्य सचिव, पंचायती राज विभाग, मनोज सिंह उपस्थित सभी अतिथियों तथा महिला ग्राम प्रधानों का स्वागत किया। कुलपति ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय महिलाओं के उत्थान एवं उनके विकास के लिये बहुत सारे कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय 100 गाँवों को गोद लिया है जिसमें महिला कृषकों को भी जागरूक करने का कार्य कर रहा है। उन्होनें उपस्थित महिला ग्राम प्रधानों से कहा कि पारिवारीक निर्णय लेने के साथ-साथ अन्य जिम्मेदारीयों को भी निभाना होगा।
महिला ग्राम प्रधानों का प्रतिनिधित्व कर रहीं पतौरा ग्राम की ग्राम प्रधान श्रीमति विनिता त्रिपाठी ने कहा कि हम सभी विकास के लिये दृढ़संकल्पित हैं। साथ ही उन्होने कहा कि राज्यपाल के वक्तव्य और बयान से हम जागरूक होते हैं एवं हमें प्रेरणा मिलती है। इन्होने महिला जनप्रतिनिधियों के सुरक्षा व सभी ग्राम में महिला की माँग की। श्रीमति त्रिपाठी ने कहा कि महिला जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाय।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त श्री दिनेश कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि जो सोचा था आपने कभी आज आपके पास मौका है उसे करीये। जो पूर्व प्रधान नहीं कर सके और आप सोचते थे कि ऐसा होना चाहिये तो अब आप उसे करीये क्यूंकि अब आप प्रधान हैं। उन्होने बताया कि हर प्रधान का अपना ऑफिस होगा और उसमें बैठना होगा। लोगों की समस्या को सुनना एवं समाधान करना होगा। सभी ग्रामों में ग्राम पंचायत भवन, दिशा सूचक बोर्ड लगाये गये हैं।
जिलाधिकारी बाँदा अनन्त कुमार सिंह ने कहा कि आपके ग्राम में कोरोना के टीकाकरण हेतु आपका सहयोग जरूरी है व आप सभी को टीकाकरण हेतु जागरूक करें। महिला ग्राम प्रधानों से कहा कि अब अपकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी शुरू होने वाली है, उन्होने कहा कि महिलायें अपनी आर्थिक, पारिवारीक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी निभायेंगी।
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में सर्वेश कुमार पाण्डेय, पंचायती राज अधिकारी द्वारा पंचायती राज व्यवस्था में महिला जनप्रतिनिधियों का दायित्व एवं अधिकार, कृषि विश्वविद्यालय बाँदा का ग्रामीण महिलाओं की शिक्षा, स्वावलंबन में भूमिका एवं महिला अध्ययन केन्द्र का उद्देश्य डा0 वन्दना कुमारी तथा उ0प्र0 शासन द्वारा संचालित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगारपरक योजनाओं में महिला जनप्रतिनिधियों की भूमिका पंचायती राज विभाग के अधिकारी द्वारा व्याख्यान एवं प्रस्तुतिकरण दिया गया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा केन्द्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं एवं बालिकाओं हेतु संचालित प्रमुख योजनाओं को सूचीबद्ध कर तैयार की गयी बुकलेट का विमोचन किया गया। उपस्थित सभी 198 महिला ग्राम प्रधानों एवं उनके प्रतिनिधियों को विश्वविद्यालय के तरफ से एक-एक करौंदा एवं नींबू का पौधा वितरित किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 एस0 के0 सिंह द्वारा तथा कार्यक्रम संचालन सहायक प्राध्यापक, डा0 सौरभ के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
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