सौरभ शिक्षा सदन परिवार के द्वारा साप्ताहिक पौधरोपण कार्यक्रम की शुरुवात -
किसके फल और फूल खाओगे।।
हम न रहे यदि इस धरती पर ।
कितने मिनट फिर जी पाओगे।।
भक्तिमान पांडेय
बाराबंकी। उक्त स्लोगन लिखे बैनर के संदेशों का अनुसरण करने का संकल्प लेते हुए सौरभ शिक्षा सदन देवीगंज के प्रधानाचार्य जगदीश शुक्ल के नेतृत्व में वृक्षारोपण एवं पर्यावरण सप्ताह की शुरुवात विद्यालय के अतिथियों, छात्रों, व अध्यापको द्वारा किया गया। सभी ने पहले विद्यालय परिसर में पौधे लगाए विद्यालय में पहले से खोदे गए गड्ढों के चारों तरफ रंगरोगन किया गया। उसमे सबसे पहले मुख्य अतिथि विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता सत्येंद्र पाण्डेय ने अमरूद का पौधा रोपा। पौधा रोपने के बाद सत्येंद्र पाण्डेय ने सभी से एक वृक्ष गोद लेकर सेवा करने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि सभी उसकी सेवा करते हुए बड़ा करे व बाद में उसके फल वितरित करें।
वृक्षारोपण के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद शुक्ल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा पौधे धरा का आभूषण है इनसे हमे प्राणवायु के साथ फल फूल, लकड़ी, सहित अन्य कीमती व आवश्यक वस्तुवें मिलती है। कार्यक्रम को दिनेश चंद्र द्विवेदी, अभिषेक प्रताप सिंह व जगतपाल सिंह ने सभी को वृक्ष के महत्त्व बताते हुए उसे लगाने व सेवा करने के लिए प्रेरित किया। ज्ञात हो कि सौरभ शिक्षा सदन विद्यालय ने क्षेत्र में एक सप्ताह के अंदर 1100 वृक्ष लगाने का संकल्प लिया है।
जिसमे शुक्रवार को 500 सौ पेड़ लगाए गए बाकी बचे शेष पेड़ इसी सप्ताह में लगाने का कार्य कर रहे हैं यह पौधारोपण से क्षेत्र में सौरभ शिक्षा सदन की चारों तरफ प्रशंसा हो रही कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अधिशाषी अभियंता सत्येंद्र पाण्डेय, अभिषेक प्रताप सिंह, जगदीश शुक्ल, जगतपाल सिंह, दिनेश चंद्र द्विवेदी, विवेकानन्द शुक्ल, अमरेंद्र सिंह, सूरज तिवारी, रमेश चंद्र शुक्ल, शिव मोहन वर्मा, सौरभ शुक्ला आदि लोग उपस्थित रहे।
सभी को दिए गए दो दो पेड़
सौरभ शिक्षा सदन स्कूल देवीगंज के प्रधानाध्यापक कार्यक्रम समापन पर जगदीश शुक्ल ने सभी अभिभावक, अध्यापक, अतिथियों व बच्चों को एक झोले में दो वृक्ष रखकर दिए। जगदीश शुक्ला ने सभी को उनकी सेवा करने की अपील भी की। और अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का प्रयास करें इसके बारे में लोगों को जानकारी दी यह हम सभी के लिए ऑक्सीजन का बहुत बड़ा योगदान देता है इससे हमारे यहां कुछ रहेगा तो कभी भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।
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