देश की आजादी में अब्दुल कय्यूम का बड़ा योगदान : अल्तमश हुसैन


  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को कांग्रेसियों ने जयंती पर किया याद

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। गुरूवार को कैम्प कार्यालय अलीगंज में स्वतंत्रता सेनानी, बिहार के पूर्व मंत्री और मोमिन अंसार आंदोलन के जनक स्व. अब्दुल कय्यूम अंसारी की जयंती आज 1 जुलाई को अल्पसंख्यक विभाग कांग्रेस कमेटी की तरफ से उनको चित्र पर माल्यार्पण कर उनको याद किया गया। अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश सचिव सै0 अल्तमश हुसैन ने कहा कि  बाबा-ए-कौम अब्दुल कय्यूम अंसारी, एक महान राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता सेनानी की जयंती मना रहे है जो हम सब के लिए सौभाग्य-फक्र की बात है। 

वो देश के लिए हमेशा अडिग रहे है और भारत की आजादी के लिए अपनी विलासितापूर्ण जिंदगी को छोड़कर 16 साल की उम्र में जेल भी चले गए। अब्दुल कय्युम अंसारी वो पहले नेता हैं, जिन्होंने जिन्ना के दो राष्ट्र सिद्धांत का विरोध किया। भारत को विभाजित न करने की बात कहीं। अब्दुल कय्यूम अंसारी गंगा जमुनी तहजीब को कायम करने के लिए एक मिसाल वाले नेता थे। 

शहर अध्यक्ष अल्पसंख्यक विभाग वहीद अहमद ने कहा कि उनके नाम से बिहार और उत्तर प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना होनी चाहिए। राष्ट्र और भारत की जनता के लिए उनके योगदान को हमेशा याद करने की जरूरत है। कार्यक्रम में आकाश दीक्षित, प्रदेश महासचिव छात्र संगठन, जिलानी दुर्रानी, इरफान खान, जावेद खान, वसीक अहमद, शिवबली सिंह, सुखदेव गांधी, आमिर कुरेशी, सलमान मंसूरी, मामुद अली, यावर हुसैन, इकराम कुरेशी, हमीद अहमद, रशीद खान मौजूद रहे।

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