महिला सुरक्षा के दावे हुए फेल, जिम्मेदार कर रहे खेल

  • न्याय के लिए दर दर भटक रहे पीड़ित लड़की और मां
  • जनपद पुलिस की कार्यशैली संदिग्ध

बांदा। एक ओर जहां प्रदेश की योगी सरकार महिला सुरक्षा को लेकर सजग दिखाई दे रही है तो वहीं दूसरी ओर बांदा पुलिस ऐसे मामलों में हीला हवाली करती नजर आ रही है।मामला जनपद के अतर्रा थाना अंतर्गत कस्बा अतर्रा का है जहां पीड़ित लड़की की मां मालती पत्नी रामस्वरूप वर्मा लड़की के साथ हुई घटना से आहत है तथा पुलिस अधीक्षक बांदा को शिकायती पत्र देते हुए न्याय की गुहार लगाई है। 

पीड़ित महिला ने दिए गए शिकायती पत्र में कहा कि घटना 10 जुलाई की शाम 5 बजे की है। उनकी नाबालिग लड़की रमा (काल्पनिक नाम) घर के दरवाजे पर बैठी थी तभी उनके ही मोहल्ले के बबलू यादव पुत्र दुर्गा यादव जो दबंग और गुंडा किस्म का है दरवाजे पर आया और लड़की के सामने खड़े होकर घूरते हुए अश्लील हरकतें करते हुए छेड़खानी करने लगा लड़की के विरोध तथा चिल्लाने पर घर के अंदर से परिजन आए तो जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए लड़की को उठा ले जाने तथा जान से मारने की धमकी देते हुए चला गया। 

पीड़ित लड़की और उसकी मां ने घटना की लिखित सूचना स्थानीय थाने में दी परंतु स्थानीय पुलिस ने पता नही किस दबाव में आकर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जिसके चलते उक्त दबंग और गुंडा किस्म के व्यक्ति के हौसले बुलन्द हैं। न्याय के लिए पीड़ित लड़की अपने माता पिता के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर लगा रही है परंतु दो हफ्ते से भी ज्यादा का वक्त गुजरने के बाद भी पीड़ितों को ना तो न्याय मिला और ना ही आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही सुनिश्चित की गई। 

पीड़ित लड़की की मां का आरोप है कि स्थानीय पुलिस को आरोपियों ने धन बल का प्रयोग कर अपने पक्ष में कर लिया है। पीड़ित लड़की और उसके माता पिता ने फिर से पुलिस अधीक्षक बांदा से न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही की मांग उठाई है। स्थानीय पुलिस का यदि यही रवैया रहा तो महिला सुरक्षा कैसे संभव है। जिम्मेदार अधिकारियों को संज्ञान लेकर इस प्रकरण की गहनता से निष्पक्ष जांच कराते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिए जिससे प्रदेश सरकार की छवि धूमिल ना हो।

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