आध्यात्मिक दृष्टिकोण को विकसित कर जीवन को परिवर्तित करना होगा : अमन शास्त्री


राजेश शास्त्री, संवाददाता 

सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश। वर्तमान परिवेश में अनीति संकीर्णता एवं स्वार्थपरता ने अपना पांव पूरी तरह पसार रखा है हमें इसे जड़वत नष्ट करने का प्रयत्न करना होगा तथा उसके स्थान पर सज्जनता न्यायोचित सद्भावना एवं सत प्रवृत्तियों को प्रतिष्ठापित करना होगा। यह केवल कहने सुनने अथवा लिखने पढ़ने से कदापि संभव नहीं है अपितु इसके लिए स्वयं में आध्यात्मिक दृष्टिकोण को विकसित कर जीवन को परिवर्तित करना होगा।

यह विचार कथावाचक अमन शास्त्री जी मानस व्यास ने व्यक्त किया। वे जनपद के डुमरियगंज तहसील क्षेत्र में स्थित ग्राम भानपुररानी के नगरियाँ गॉंव में आयोजित राम कथा ज्ञानयज्ञ कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों को उपदेश दे रहे थे। नौ दिनों तक चले इस भव्य ज्ञानयज्ञ में उन्होंने अपनी मधुर वाणी से संपूर्ण वातावरण को ज्ञानमय बना दिया। यहां हजारों की संख्या में  प्रति दिन वेदों पुराणों एवं शास्त्रों के पावन कथाओं के अमृत वर्षा से लोग सिंचित हो आत्म विभोर होते रहे। 

इस ज्ञानयज्ञ में क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से आए दूरदराज व निकटवर्ती क्षेत्रों के लोगों ने संत महात्माओं के कथा का रसपान किया। यज्ञ में इस ज्ञानयज्ञ में सर्वश्री विश्वनाथ शास्त्री जी महाराज सहित अमन चैन कमेटी के अध्यक्ष ओमप्रकाश लाल श्रीवास्तव निवर्तमान ग्राम प्रधान संतोष सैना रमेश पाठक शिवकुमार रावत अमरीका गुप्ता कंचन पाठक पप्पू यादव रघुनाथ लाल श्रीवास्तव जितेन्द्र पाठक पवन कुमार प्रजापति प्रह्लाद कन्नौजिया रंजित प्रजापति सुनील रावत पल्टू जयसम गिरी व संतोष पाठक सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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