Siddharthnagar news : किचन गार्डन से प्रत्येक दिन प्राप्त करें ऑर्गेनिक सब्जी - नीलम सिंह



सिद्धार्थनगर।  जनपद सिद्धार्थनगर के कृषि विज्ञान केंद्र सोहना की कार्यक्रम सहायक नीलम सिंह ने जिले के किसानों एवं महिलाओं को जागरूक करते हुए बताया कि अपने घरों के आसपास गार्डन में सब्जियों की खेती करके ऑर्गेनिक सब्जी बिना रासायनिक दवाओं एवं खादो के प्राप्त कर सकते हैं। जो कि आज के समय में बहुत ही लाभदायक साबित कहो रहा है। 

कार्यक्रम सहायक नीलम सिंह ने किचन गार्डन में खेती करने की विधि बताते हुए कहा कि गार्डन में बीज द्वारा बुवाई में मूली, शलजम, मेथी, पालक, खीरा, करेला, लौकी, कद्दू, टिंडा, सेम, भिंडी आदि सब्जियों के बीज मिट्टी में सीधे ही बोये जाते हैं। बुवाई से पहले बीजों का थीरम या केपटान दो ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार कर लेना अच्छा रहता है। 

अच्छी व जानी-मानी कृषि कंपनियों के बीज लेने पर सामान्यता बीज पहले से ही उपचारित होते हैं  अतः उनका पुनः बीजोपचार करने की आवश्यकता नहीं होती है।बुवाई करने से पहले बताई गयी विधि द्वारा भूमि जुताई कर तैयार कर लेना चाहिए। 

खाद तथा उर्वरक की पहली खुराक सब्जी की किस्म के अनुसार निर्दिष्ट मात्रा में अंतिम जुताई के समय मिट्टी में छिड़कर देनी चाहिए तथा इसके तुंरत बाद सिंचाई करनी चाहिए जिससे उर्वरक अच्छी तरह प्रभावी हो जाए। इसके बाद ही बुवाई करनी चाहिए।

सब्जियों के बीजों की बुवाई पंक्तियों में करनी चाहिये तथा कतार से कतार एवं पौधे से पौधे की बीच उचित स्थान छोड़ना चाहिये। फैलने वाले पौधो के लिए कतार से कतार की दूरी अधिक रहती है ताकि पौधे को बढ़ने के लिए उचित स्थान मिल सके।

किसानों को इसे ध्यान में रखते हुए बुवाई करनी चाहिए। उर्वरक की दो अन्य खुराकें 1 महीने बाद तथा अगली खुराक समान्यतया अगले डेढ़ महीने के बाद फूल आने के समय दी जाती है। इसके बाद ऋतु एवं आवश्यकतानुसार समय-समय पर सिंचाई करते रहना चाहिए तथा सब्जियों की उचित समय पर तोड़ाई भी कर लेनी चाहिए।

स्वच्छ जल के साथ रसोई घर एवं स्नान घर से निकले पानी का उपयोग कर आप घर के पिछवाडें में साग सब्जी उगाने की योजना बना सकते है। जिससे आपको शुद्ध और रासायनिक मुक्त सब्जियां खाने को मिलेगी। सीमित क्षेत्र में साग सब्जी उगाने से घरेलू आवश्यकता की पूर्ति भी हो सकेगी। सब्जी उत्पादन में रासानिक पदार्थो का उपयोग करने की जरूरत भी नही पड़ेगी।

 (राजेश शास्त्री, संवाददाता, सिद्धार्थनगर)

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