काबुल एयरपोर्ट के पास से 150 भारतीयों को तालिबान ले गया अपने साथ

नई दिल्ली। अफगानिस्तान में इस दरमियान तालिबानियों का चारों ओर दबदबा बना हुआ है वह अपने आगे, किसी और का नहीं सुनते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट के पास से तालिबान 150 भारतीयों को अपने साथ ले गया है। इनकी लोकेशन के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पा रहा है। अभी पता नहीं लग पाया है कि इसके पीछे तालिबानियों का क्या मकसद है? वहीं तालिबा के प्रवक्ता अहमदुल्लाह वासे ने 150 लोगों को अगवा करने की बात से इनकार किया है। तालिबान का कहना है कि लोगों को अगवा नहीं किया बल्कि सुरक्षित एयरपोर्ट पहुंचाने की कोशिश की है। 

इस घटना को लेकर भारतीय मीडिया 'भास्कर' के काबुल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को तालिबान लेकर गया है, उन्हें दस्तावेजों की जांच के लिए ले जाया गया होगा। वहीं काबुल के एक विश्वस्त पत्रकार ने इसे फेक न्यूज बताया है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से पूछने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं कर सकते। अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच भारतीयों का एयरलिफ्ट भी जारी है। न्यूज एजेंसी ANI के सूत्रों के मुताबिक काबुल एयरपोर्ट से 85 भारतीयों को लेकर एयरफोर्स के C-130J एयरक्राफ्ट ने आज करीब 10.30 बजे उड़ान भरी है और कुछ देर में भारत पहुंचने के आसार हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 200 और भारतीयों को भी लाने की तैयारी है, इसके लिए एयरफोर्स का C-17 विमान स्टैंडबाय पर रखा गया है।

120 से ज्यादा लोगों की ग्लोबमास्टर C-17 से वतन वापसी हुई

अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के सभी अधिकारियों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है, लेकिन काबुल समेत दूसरे शहरों में अभी 1000 भारतीयों के और फंसे होने का अनुमान है। विदेश मंत्रालय इनकी लोकेशन और स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि सभी लोगों ने भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं किया है। पिछले मंगलवार को 120 से ज्यादा लोगों की ग्लोबमास्टर C-17 से वतन वापसी हुई थी। इनमें काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी, ITBP के जवान और अन्य लोग शामिल थे। इससे पहले सोमवार को भी 45 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था। वही, तालिबान का को-फाउंडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल पहुंच चुका है। वह तालिबानी सरकार बनाने के लिए जिहादी नेताओं और अफगानी पॉलिटिशियन से भी बात करेगा। तालिबान ये पहले ही कह चुका है कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र नहीं चलेगा बल्कि शरिया कानून लागू होगा।

तालिबान की आहट सुनते ही पूरा परिवार बुरी तरह खौफ खाए हुए हैं

काबुल में फंसे लोग तालिबान से इस कदर खौफ खाए हुए हैं कि सड़क पर कोई गाड़ी नजर आते ही वे बाथरूम की तरफ दौड़ पड़ते हैं। घरों की लाइट और मोबाइल फोन बंद कर वे खुद को बाथरूम में कैद कर लेते हैं। बच्चों की आवाज न सुनाई दे, इसलिए उनके मुंह पर कपड़ा बांध देते हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक काबुल में फंसे एक परिवार के रिश्तेदार ने ये हाल बयां किया है। इस परिवार के दो लोगों का तालिबान ने बीते सालों में कत्ल कर दिया था। ऐसे में तालिबान की आहट सुनते ही पूरा परिवार बुरी तरह डर जाता है। काबुल में फंसे ऐसे परिवारों के जो रिश्तेदार दूसरे देशों में हैं, वे अपनी-अपनी सरकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।

तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। इस बीच तालिबान का विरोध भी तेज हो गया है। राजधानी काबुल से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर पंजशीर घाटी के लड़ाकों ने तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। इस लड़ाई में 15 तालिबान मारे गए हैं, जबकि 10 को पंजशीर के लड़ाकों ने पकड़ लिया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

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