फाइलेरिया मरीज शरीर की साफ-सफाई का रखें खास ख्याल : सीएमओ


  • फाइलेरिया मरीजों को दिया गया रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण
  • प्रशिक्षकों ने बताए बचाव के तरीके
  • 13 मरीजों को बांटी मार्बिडिटी मैनेजमेंट किट 

बांदा। फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को शरीर के अंगों को सामान्य पानी व  साबुन से नियमित साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके साथ ही  चिकित्सक द्वारा बताए गए व्यायाम को करने  से सूजन नहीं बढ़ती।  नियमित व्यायाम करने से सामान्य जीवन व्यतीत करने में सहायता मिलती है। यह बातें सीएमओ सभागार में आयोजित घरेलू रोग प्रबंधन के प्रशिक्षण में सीएमओ डा. वीके तिवारी ने कहीं। 

सीएमओ ने कहा कि फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहा जाता है। यह क्यूलेक्स मच्छर काटने की वजह से होता है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और इस वजह से यह रोग होता हैद्यवयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देते हैं, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। यह मनुष्य के रक्त में रात के समय एक्टिव होता है। इस कारण स्वास्थ्य टीम रात में ही पीड़ित का ब्लड सैंपल लेती हैं। उन्होंने फाइलेरिया के 13 मरीजों को मार्बिडिटी मैनेजमेंट किट प्रदान करते हुए कहा कि घर पर रहकर ही मरीज खुद अपनी देखभाल कर सकता है। 

जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार ने फाइलेरिया रोगियों को किट में एक एंटीफंगल क्रीम, एक मेडिकेटेड साबुन, एक सफेद टावेल व एक-एक बाल्टी व मग दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 की लाइनलिस्ट के आधार पर जनपद में लिम्फोटीमा के 578 मरीज चिन्हित हैं। इनमें 245 मरीजों को मार्बिडिटी मैनेजमेंट प्रशिक्षण दिया जा चुका है। हर साल एमडीए कार्यक्रम के तहत टीमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की खुराक खिलाती हैं। लगातार पांच साल तक इसका सेवन करने वालों को फाइलेरिया बीमारी नहीं होती है। यह बीमारी होने पर मरीज सीएमओ कार्यालय में स्थित यूनिट में आकर अपना इलाज ले सकते हैं।  

इस मौके पर बायोलाजिस्ट भावना वर्मा, मलेरिया निरीक्षक राजकुमार व परीक्षित दीक्षित, फाइलेरिया निरीक्षक गोपाल यादव व दिलीप कुमार सिंह, प्रदीप कुमार, राजेंद्र कुमार, रमेशचंद्र, प्रभात कुमार आदि उपस्थित रहे। 

ऐसे करें बचाव

  1. रात को सोते वक्त मच्छरदानी प्रयोग करें।
  2. पूरी बाजू के कपड़े पहने।
  3. आस-पास गंदगी या कूड़ा जमा न होने दें।
  4. नालियों में पानी रुकने न दें।
  5. रोगी को दवा खाली पेट नहीं लेनी चाहिए।

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