समस्याओं का निस्तारण न हुआ तो होगा अनशन : केदार वर्मा

                                   

  • एनपीएस की धनराशि निवेशित न होने से शिक्षकों में भारी आक्रोश   

बांदा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय कार्यसमिति के निर्णय अनुसार जनपद बांदा के शिक्षकों की ओर से अपने 12 प्रमुख मांगो व समस्याओं को लेक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय पर एक दिवसीय धरना आयोजित कर मांगों का ज्ञापन माननीय उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार/माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा को जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से भेजा गया जिसमें शिक्षकों की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए समाधान कराने की मांग की गई है प्रमुख मागों/ समस्याओं में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किए जाने तक एनपीएस के निम्नलिखित प्रावधानों को शीघ्र क्रियान्वित कराया जाए।

13 फरवरी 2019 के शासनादेश के अनुरूप प्रदेश के सभी जनपदों में एनपीएस के नियोक्ता अंशदान तथा बयाज की धनराशि को शिक्षकों के खातों में अति शीघ्र निर्देशित कराया जाए ठ- केंद्र की भांति उत्तर प्रदेश में भी 1 अप्रैल 2005 के पूर्व चयनित किंतु बाद में नियुक्त किए गए शिक्षकों को पुरानी पेंशन से आच्छादित किया जाए। केंद्रीय कर्मियों के लिए 30 मार्च 2021 को निर्गत अधिसूचना के अनुरूप उत्तर प्रदेश के शिक्षकों व कर्मचारियों को भी सेवानिवृत्तिक एवं अन्य परिणामी लाभ दिए जाने का आदेश निर्गत किया जाए।

शासनादेश दिनांक 20 मार्च 2017 के अनुरूप शिक्षकों के लिए एनपीएस खाते से अग्रिम निकासी की सुविधा को शीघ्र क्रियान्वित कराया जाए। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में संलग्न प्राइमरी में 1 अप्रैल 2005 से नियुक्त समस्त शिक्षकों का प्रान आवंटन, अभिदाता एवं नियोक्ता अंशदान की कटौती तथा उसका निवेश सुनिश्चित कराते हुए उपरोक्त समस्त प्रावधानों को क्रियान्वयन कराया जाए।सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधान व शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण व्यवस्था की अनेक विसंगतियां/ बाधाओं को दूर किया जाए। 

शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान की जाए तथा वर्ष 2014 से नियुक्त शिक्षकों की सामूहिक बीमा कटौती शुरू कराई जाए। वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को समान वेतन व सेवा सुरक्षा प्रदान की जाए तथा इन शिक्षकों के वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि योजना में अविलंब कटौती शुरू कराई जाए। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालयों में ई-फाइलिंग तथा 23 जुलाई 2002 के शासनादेश के अनुसार प्रत्येक पटल पर अधिकतम 4 दिन में फाइलों का निपटारा सुनिश्चित कराया जाए। 

प्रधानाचार्य/ प्रधानाध्यापक की भर्ती में चयन बोर्ड के द्वारा लिखित परीक्षा आयोजित कराई जाए तथा इंटर शिक्षा अधिनियम के अनुरूप इंटर प्रधानाचार्य पदों के लिए एलटी ग्रेड शिक्षकों को भी आवेदन का अवसर प्रदान किया जाए। अनेक जनपदों में जीपीएफ खातों के रखरखाव में पाई गई अनियमितताओं की जांच कराते हुए सेवानिवृत्त शिक्षकों के जीपीएफ का अविलंब भुगतान कराया जाए तथा शिक्षकों एवं कर्मचारियों के जीपीएफ खातों का रखरखाव ऑनलाइन माध्यम से किया जाए 8 - कोरोना से मृत शिक्षकों/ कर्मचारियों के आश्रितों का सेवायोजन व  सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान शीघ्र किया जाए तथा पंचायत निर्वाचन ड्यूटी में कोरोना संक्रमण से मृत मामलों में राहत /अनुतोष हेतु दिवंगत होने की एक माह की समय सीमा को शिथिल किया जाए। 

चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 21 के द्वारा आमेलित विषय विशेषज्ञों की पूर्व सेवाओं को जोड़कर पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। चयन बोर्ड अधिनियम की धारा 33 छ में विनियमित शिक्षकों को उनकी नियुक्ति तिथि से सेवाओं का आगणन कर पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। वर्ष  2000 के पूर्व एवं पश्चात नियुक्त तदर्थ शिक्षकों तथा व्यवसायिक शिक्षकों को विनियमित किया जाए तथा आगे तदर्थ नियुक्ति कड़ाई से रोकी जाएं। सहायता प्राप्त हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक का पदनाम प्रधानाचार्य ग्रेड 2 तथा साधारण वेतन मान ग्रेड पे 6600 लेवल 11 किया जाए प्रधानाचार्य तथा प्रधान अध्यापकों को त्रिस्तरीय वेतनमान दिया जाए।  

धरने में सम्मिलित होने वालों में प्रांतीय मंत्री केदार वर्मा, जिलाध्यक्ष गणेश पटेल, कोषाध्यक्ष मुकेश तेजानी, प्रणय अग्रहरि, धीरेंद्र यादव, दिनेश कुमार, समीक्षा खरे, प्रमोद यादव, अंजना, रामचंद्र, संध्या यादव, उपाध्यक्ष जानकी शरण शुक्ल, शिवाकांत प्रताप सिंह अंजनी कुमार सोनी सत्य स्वरूप राम रोशन दिनकर, गणेश कुमार यादव, अजय गुप्ता, बालाराम, विनय कुमार श्रीवास, मोहनलाल, प्रवीन कुमार, राजेश कुमार, रामहित शिवहरे, शिव कुमार चौरसिया, विनय कुमार, सुनील कुमार, शिव विलास, राजेश सिंह, मिथिलेश कुमार आदि उपस्थित रहे।



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