सरकार की किताबें जनता के द्वार पहुँचती तो कल्याणकारी योजना में चार-चांद लग जाते


अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ 

बाँदा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिन पर शनिवार को पूरे जिले में सरकार के प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने सरकार की जन कल्याण की योजनाओं को लोगों को बताने का पूरा प्रयास किया है लेकिन प्रदेश सरकार करोड़ो रूपये खर्च करके किताबे छपवा कर सरकार की उपलब्धियां जनकल्याण योजनाएं लिखित तौर पर लोगों के घर-घर तक भेजने का दावा करते हुए जिले में भेजती है। लेकिन इन किताबो का जुम्मेदार सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग तीन सालों से कार्यालय में भूसे की तरह भरे रखे रहा जब इन किताबों के रोने की आवाज आई तो सोशल मीडिया सक्रिय हो गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार के प्रतिनिधि सांसद और विधायक ने बाँदा के सूचना विभाग के निष्क्रियता पर सवाल खड़े करते हुए प्रदेश के मुख्य मंत्री औऱ जिले के आला अधिकारियों को पत्र लिखा लेकिन निर्भीक सूचना विभाग ने आनन-फानन विभाग के बाहर रखे कूड़े दान में हजारों बंडल किताबे सरकार के जन कल्याण योजनाओं को भरवा कर विगत माह पहले खाक करा दिया।

जन कल्याण कारी योजना के संरक्षक के कारनामो की खबर जब समाचार पत्रों में छपी और सोसल मीडिया में दौड़ी तो सूचना विभाग ने क्रेन मंगवाकर कूड़ेदान को उठवा दिया कई सालों से रखे उस कूड़े दान में कूड़ा डाल रहे कई विभाग के लोग परेशान है। सूचना विभाग के सरकार विरोधी कार्य से नाराज वो समाज सेवी और जन प्रतिनिधि जिन्होंने जनता के हित को लेकर देश के पीएम, महामहिम राज्यपाल यूपी और मुख्यमंत्री को जिले अधिकारियों के माध्यम से ज्ञापन भेज कर जानकारी दी है। इनका कहना है कि सरकार की जन कल्याण कारी योजनाओं की किताबें जुम्मेदार विभाग लोगों तक पहुंचाते तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिन पर कल्याणकारी योजना की जानकारी लोगों के लिए और अधिक चार-चांद जैसा होता।

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