लखीमपुर की घटना के विरोध में किसान यूनियन सहित राजनैतिक दलों का प्रदर्शन

  • सभी विपक्षी दलां ने लगाए सरकारी विरोधी नारे
  • राजनैतिक दलों के नारों की गूंज उठा शहर

बांदा। लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भारतीय जनता पार्टी के एक मंत्री के पुत्र द्वारा गाड़ी चढ़ाए जाने से आधा दर्जन किसानों की मौत हो गई। इस घटना के विरोध में जहां पूरे यूपी में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। तो वहीं लखीमपुर, शाहजहांपुर, बरेली सहित कई जिलों में हाईएलर्ट घोषित करते हुए वहां पर इण्टरनेट सेवा को पूरी तरह से बंद कर दिया है। वहीं बांदा जिले में भी घटना विरोध जमकर किसान यूनियन सहित राजनैतिक दलों द्वारा देखने को मिला। सोमवार को शहर के अशोक लाट चौराहे व कचहरी के आसपास समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय किसान यूनियन ने धरना प्रदर्शन पर सरकार विरोधी नारे लगाए और वर्तमान सरकार को जमकर कोसा, आंदोलन के दौरान कई जगह पुलिस व प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई।


आम आदमी पार्टी की ओर से अवधेश सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया और इस संबंध में महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें कहा गया है कि मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा ने आंदोलनरत किसानों को अपनी गाड़ी से रौंद दिया, जिससे कम से कम 6 किसानों की मौत हो गई है। कुछ दिन पहले गृह राज्य मंत्री ने लखीमपुर में ही आंदोलनरत किसानों से कहा था सुधर जाओ वरना सुधार देंगे। उनके सुपुत्र ने अपने पिता के आदेश के अनुपालन में किसानों को अपनी गाड़ी से रौंद दिया। यह बेहद बर्बर और अक्षम है। 


इस सरकार ने अंग्रेजों के दमन को भी पीछे छोड़ दिया है। आम आदमी पार्टी  इस घटना की कड़ी निंदा करती है। पार्टी की ओर से मांग की गई है कि मंत्री पुत्र पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की जाए और हाईकोर्ट में कार्यरत जज के नेतृत्व में जांच आयोग गठित कर घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए। प्रदर्शन में अवधेश कुमार गुप्ता, विनय कुमार, संतोष गुप्ता, नरेंद्र प्रताप सिंह, युवराज सिंह कछवाह, अनुभव सिंह प्रताप सिंह शामिल रहे।


इसी प्रकार समाजवादी पार्टी के द्वारा भी जबरदस्त धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें पार्टी के अध्यक्ष विजय करण यादव व नगर पालिका अध्यक्ष मोहन साहू, पूर्व विधायक विशम्भर सिंह यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शकील अली, किरन वर्मा, शमीम बांदवी, आमिर खान मन्नी, निर्भय सिंह मोंटी, विदित त्रिपाठी, राजन सिंह चंदेल, शाहिद बेग चांद, उर्मिला वर्मा, नीलम गुप्ता किरण वर्मा, अर्चना पटेल, रुखसाना, दिनेश यादव, आशीष श्रीवास्तव, प्रदीप यादव, नंदू यादव उमेश, रोहित राजकमल पाल, अभिलाष यादव, हाजी आरिफ, हनीफ़ अहमद, विकास सिंह देवेश, महेंद्र, प्रदीप जड़िया, सोनेलाल, कुटैब, अबरार, चांद आरिफ, रानू, वृंदावन वैश्य, विद्यासागर श्याम पटेल, राकेश राजपूत, दादू, मुलायम यादव आदि साथी मौजूद रहे। 


पार्टी के सैकड़ों सपा नेताओं ने धरना प्रदर्शन में शामिल होकर सरकार को जमकर कोसा। कई जगहों पर सपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई। एक कार्यकर्ता अर्धनग्न अवस्था में होकर और हांथ में तख्ती लिये प्रदर्शन कर रहा था जिसमें लिखा था कि आप लाठियां लेकर आइये हम नंगी पीठ लेकर आये हैं वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने हिंसा में मारे गये लोगों के प्रत्येक परिवारीजनों 2 करोड़ रुपया मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की। इसी तरह लखीमपुर खीरी में हुए कांड को लेकर कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन, किया और प्रियंका गांधी की रिहाई और परिजनों से मिलाए जाने की मांग की। मृतक किसानों के परिवार को एक करोड़ की राहत राशि प्रदान करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित की अगुवाई में भी कांग्रेसियों ने हांथों में तख्तियां लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर अल्तमश हुसैन, इरफान खान आदि मौजूद रहे। 

लखीमपुर की घटना के विरोध में किसान यूनियन सहित राजनैतिक दलों का प्रदर्शन

इसी तरह भारतीय किसान यूनियन ने भी धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों को फांसी देने की मांग की। इसी तरह बुंदेलखंड इंसाफ सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एएस नोमानी ने देश के राष्ट्रपति से मांग की है कि लखीमपुर के तिकुनिया इलाके में लगभग 8 किसानों के मारे जाने, व कई गाड़ियां जलाए जाने, व फायरिंग किए जाने से आज हमारा पूरा देश सदमे में है। लखीमपुर खीरी में जो दर्दनाक, व दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। इतना बड़ा जुल्म अंग्रेजों ने भी नहीं किया था जितना आज भाजपा सरकार हमारे देश में किसानों के साथ कर रही है। ए. एस. नोमानी ने देश के राष्ट्रपति से मांग की है कि गृह राज्य मंत्री को तत्काल पद से बर्खास्त कर उन्हें व उनके समर्थकों को भी जेल भेजा जाए, और तिकुनिया के जितने भी किसान मारे गए हैं उन सभी किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए और पीड़ित परिवार को कम से कम ढाई करोड़ का मुआवजा दिया जाए और एक-एक नौकरी भी दी जाए अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो बुंदेलखंड इंसाफ सेना एक बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगी जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

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