- राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम का जिला अस्पताल बांदा में किया गया आयोजन
ARVIND SRIVASTAVA, BUREAU CHIEF
जिला अधिकारी अनुराग पटेल ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, अगर आपका स्वास्थ्य सही है, तो ही आपका मानसिक संतुलन भी सही रहेगा। इन्हीं सब बातों सहित जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि कठिनाइयों से घबराना नहीं चाहिए। जिस तरह कोरोना के समय में जिन लोगों ने हिम्मत नहीं हारी वह आज भी हम लोगों के साथ करोना जैसी महामारी से लड़कर हम लोगों के साथ मौजूद है।
उन्होंने एक बहुत ही महत्वपूर्ण पंक्ति से लोगों को संबोधित किया- लहरों से खेलो, तूफानों से उलझो, कब तक चलोगे किनारे-किनारे। मतलब साफ है कि जीवन में रिस्क तो लेना ही पड़ता है। इन्हीं पंक्तियों के साथ के साथ अपनी बात को समाप्त किया। इस मौके पर तमाम स्वास्थ्य कर्मियों सहित सैकड़ों लोग रहे मौजूद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ संपूर्णानंद मिश्रा ने बताया कि जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा लगातार मरीजों का उपचार व स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है काउंसलिंग के लिए मन कक्ष की स्थापना है जहां लोग आ कर काउंसलिंग कर आते हैं।
जिला नोडल अधिकारी एनसीडी डॉ0 एम 0सी0 पाल ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य भी सार्थक हो सकता है जब लोग मानसिक रोग के प्रति जागरूक हो उसके लिए जिले में एक डीएमएचपी की टीम है जो सोमवार बुधवार शुक्रवार जिला चिकित्सालय में ओपीडी व मंगलवार गुरुवार व शनिवार को फील्ड विजिट पर काउंसलिंग व उपचार की सुविधा उपलब्ध कराती है इसके अलावा जागरूकता कैंप का भी आयोजन लगातार किया जाता है। आज शिविर में मनोरोग चिकित्सक डा0 हर दयाल, साइकोलाजिस्ट डा. रिजवाना हाशमी, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी नरेंद्र मिश्रा, एफ एल सी अरविंद गुप्ता, अनुपम त्रिपाठी, अशोक कुमार, डॉ0 रामवीर और मीडिया आदि को सम्मानित किया गया।
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