उन्होंने कहा कि चमड़ा उद्योग से आत्मनिर्भर बनने और नई स्कीमों को आरंभ करने, सब्सिडी दरों पर भूमि उपलब्ध कराने, पीएलआई प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतीक्षा न करने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि ये सभी चीजें आपकी प्रगति को बाधित करेंगी।' उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार चमड़ा क्लस्टरों के काफी निकट बीआईएस मानक प्रयोगशालाओं को स्थापित कर चमड़ा उद्योग को उसका लक्ष्य अर्जित करने में सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि आपका उद्योग नवोन्मेषण, उच्च गुणवत्ता, डिजाइन, निर्यात में अच्छा सम्मान, विश्व बाजारों में अग्रणी रहा है।'
उन्होंने कहा कि भारत का चमड़ा उद्योग शेष दुनिया की तुलना में ‘प्रतिस्पर्धी और तुलनात्मक लाभ वाला रहा है और उसका लक्ष्य 'मेड इन इंडिया' ब्रांड को उत्कृष्टता का हॉलमार्क बनाना है। उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि बहुत सारे (उच्च गुणवत्ता वाले) उत्पाद भारत में बनते हैं लेकिन वे दुनिया भर में इनमें से कुछ कंपनियों की ब्रांडिंग प्रक्रियाओं द्वारा उच्च मार्क-अप्स को बेचे जाते हैं।' उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने चमड़ा उद्योग को उनके नवोन्मेषण के प्रयासों में सरकार से मदद का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 लिए राष्ट्रीय निर्यात पुरस्कार प्रदान किए।
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