- अछरौड़ बालू खदान में उड़ रही एनजीटी के नियमों की धज्जियां
- नदी की जलधारा से भारी-भरकम मशीनों से हो रहा अवैध खनन
- अछरौड़ खदान से रोजाना निकलते हैं सैकड़ों ओवरलोड ट्रक
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। जिले का अवैध बालू का कारोबार शासन-प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुका है। जब खनन कर्ता सत्ता पक्ष से जुड़े हों तो अधिकारी भी पशापेश में आ जाते हैं। यहीं हाल जनपद के मटौंध थानान्तर्गत संचालित होने वाली अछरौड़ खण्ड 1 का है। जहां पर सत्ता का चोला ओढ़े तथाकथित दलबदलू नेता द्वारा संचालित इस खदान में एनजीटी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। खुलेआम नदी की जलधारा में भारी-भरकम पोकलैण्ड और लिफ्टर मशीनों से खनन कार्य किया जा रहा है। इतना ही सत्ता के नशे में चूर खदान संचालक के लोगों द्वारा प्रति दिन सैकड़ो ओवरलोड ट्रकों को बालू भरकर गैर जनपदों के लिए रवाना कर दिया जाता है।
यहां बताते चलें कि बांदा सदर तहसील के मटौंध थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अछरौंड खंड 1 के पट्टा धारक पडोसी जिले के भाजपा का चोला ओढ़े दलबदलू नेता बताए जा रहा हैं। इनके बारे मे मालुम हुआ है कि यह बांदा-चित्रकूट के पूर्व भाजपा सांसद के करीबी रिश्तेदार हैं। जो कि पूर्व सपा और भाजपा के टिकट पर एमएलसी चुनाव भी लड़ चुके हैं। जबकि पिछले एमएलसी चुनाव में भाजपा से टिकट मिलने के बाद इन्होंने एन वक्त में नामांकन वापस लेकर सपा प्रत्याशी रमेश मिश्रा को निर्विरोध जीतने का रास्ता साफ कर दिया था।
लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही इन्होंने फिर से बालू के कारोबार में अपनी पकड़ बनाने के लिए एनजीटी के नियमों और प्रशासनिक सख्तियों को ठेंगा दिखाते हुए दबंगई के दम पर दिनरात बिना किसी नियमावली के मौरम के कारोबार को बिना रूकावट जारी किये हुये है। भाजपा का चोला ओढे पट्टाधारकों को प्रशासन का कोई डर नहीं है। इन्हें प्रदेश की योगी सरकार का भी कोई भय नहीं है। अछरौंड खदान में जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी मानक से विपरीत ट्रकों में खदान से ही ओवरलोडिंग का खेल खेला जा रहा है। जबकि ओवरलोडिंग और बिना रवन्ने के खदान से मौरम की बिक्री की पूरी जिम्मेदारी पट्टा धारक की होती है।
ऐसा खनिज नियमावली में साफ दर्ज है। नियमों यह भी है कि खनन पट्टा क्षेत्रों में हाई फ्रीक्वेंसी सीसीटीवी कैमरे लोडिंग प्वाइंट,प्रवेश और निकासी स्थलों पर लगाये जाये। लेकिन अछरौंड बालू खदान के दबंग बालू माफिया प्रशासन व खनिज विभाग की नियमावली को धता बताकर अवैध खनन करा रहे है। ग्रामीणों द्वारा ओवरलोडिंग व अवैध खनन का विरोध करने पर इन दबंग पट्टाधारकों के गुर्गों द्वारा उन्हें लाठी व डंडों की नांक पर चुप करा दिया जाता है। अछरौड गांव के कई ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन को अवैध खनन की जानकारी दी जाती है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी भाजपा का चोला ओेढे ठेकेदार के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही से बच रहा है।
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