नई दिल्ली/पीआईवी। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने एनटीपीसी बरौनी ताप विद्युत केन्द्रों (थर्मल पावर स्टेशन) के चरण- II 500 मेगावाट (2x250 मेगावाट) और एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर की यूनिट # 1 (660 मेगावाट) परियोजना को आज राष्ट्र को समर्पित किया। राजीव रंजन, सांसद (लोकसभा), मुंगेर; राम रतन सिंह, विधान सभा सदस्य, तेघरा, बिहार; राज कुमार सिंह, विधान सभा सदस्य, मटिहानी, बिहार; ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, विधान सभा सदस्य, बाढ़, और बरह तथा बरौनी क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ समारोह में भाग लिया।
इस समारोह में बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के अधिकारी और बिहार की प्रतिष्ठित हस्तियां भी सम्मिलित हुईं। केंद्रीय सचिव विद्युत आलोक कुमार, और एनटीपीसी के मुख्य प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह, एनटीपीसी के निदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इन कार्यक्रमों में उपस्थित थे। एनटीपीसी समूह की बिहार राज्य में 7970 मेगावाट की स्थापित क्षमता है और इसके अतिरिक्त अन्य 1980 मेगावाट क्षमता निर्माणाधीन है। बाढ़ की कुल स्थापित क्षमता 3300 मेगावाट है, जिसमें से 1320 मेगावाट पहले से ही 16 मार्च से वाणिज्यिक संचालन के अधीन है। बिजली क्षेत्र के विकास में तेजी लाने और बिहार राज्य में लोगों के व्यापक लाभ के लिए बिजली की उपलब्धता और लागत दक्षता बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार ने 15 दिसम्बर 2018 को बरौनी थर्मल पावर स्टेशन को एनटीपीसी लिमिटेड को स्थानांतरित कर दिया था।
अपनी कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) पहल के एक हिस्से के रूप में, एनटीपीसी ने बिहार राज्य में कई सामुदायिक विकास (सीडी) गतिविधियां शुरू की हैं। ये गतिविधियां मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे के विकास, पेयजल, स्वच्छता, कौशल विकास / व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, दिव्यांगजनों को सहायता आदि के क्षेत्र में केंद्रित हैं। इसके अलावा, विभिन्न सामुदायिक विकास गतिविधियां पड़ोसी राज्यों में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। एनटीपीसी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना में एक विशेष बर्न यूनिट भी स्थापित कर रहा है और इसके साथ ही औरंगाबाद जिले में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई ) का निर्माण कर रहा है। एनटीपीसी, भारत सरकार की एक महारत्न कंपनी है जिसकी वर्तमान में 67907 मेगावाट (संयुक्त उद्यम (जेवी) / सहायक कंपनियों सहित) की स्थापित क्षमता है और 2032 तक 130 गीगावॉट क्षमता वाली कंपनी बनने की योजना है।
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