ओमिक्रोन की हलचल : जनपद में 590 निगरानी समितियां अलर्ट

प्रतीकात्मक चित्र 

  • परदेशियों के साथ सभी पर रख रहीं निगाहें
  • कोरोना वैक्सीनेशन को भी कर रहीं प्रेरित 

बांदा। वैश्विक महामारी के रूप में सामने आए कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक ने पूरे देश में एक बार फिर से हलचल मचा दी है। ओमिक्रोन के दस्तक के साथ जहां कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के साथ गांवों में जिले के 561 ग्राम पंचायतों में गठित निगरानी समितियों को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है। डीएम अनुराग पटेल के निर्देश पर समितियां परदेशियों पर नजर रखने के साथ छूटे हुए लोगों को प्रथम व द्वितीय डोज का टीका लगवाने व कोरोना जांच कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण ने हर किसी में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। नगर से लेकर गांव तक प्रत्येक व्यक्ति इसे लेकर सशंकित देखा जा रहा था। 

संक्रमण से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने को जिले के सभी गांवों में निगरानी समितियों का गठन किया गया था। हालांकि कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने के बाद समिति की सक्रियता कम हो गई थी। अब सामने आए नए वेरिएंट के साथ ही निगरानी समितियों को भी सतर्क कर दिया गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीके तिवारी ने बताया कि सभी निगरानी समितियां टीकाकरण कार्य में पहले से सहयोग कर रही हैं। नए वेरिएंट के सामने आने के बाद उन्हें और सतर्कता बरतने का निर्देश दे दिया गया है। विशेषकर बाहर से आने वाले लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है।

निगरानी समिति का स्वरूप

महामारी विशेषज्ञ डा. प्रसून खरे ने बताया कि गांवों में लौट रहे परदेशियों पर नजर रखने, लोगों को कोरोनारोधी टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने, साफ-सफाई व कोविड नियमों के पालन के लिए जागरूक करने को गठित निगरानी समिति का अध्यक्ष ग्राम प्रधान को बनाया गया है। इसके साथ ही सचिव-लेखपाल, आशा संगिनी, आंगनबाड़ी वर्कर व युवक मंगल दल से सदस्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस व नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचाव के लिए मास्क लगाने के साथ साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। कोविड गाइडलाइन का पालन करके सुरक्षित रहा जा सकता है।


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