- घायल गायों को जिंदा दफनाया
- मामले की जानकारी होने पर घटना स्थल पर पहुंचे विधायक राजकरन कबीर
- नगर पंचायत व एसडीएम ने जानकारी होने से किया इंकार
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में जहां गोवंशों को संरक्षित करने के लिए लाखों करोड़ों रूपये बजट व गौशालाओं में रखने के प्रबंध के सारे अरमान फिरते नजर आ रहे हैं। योगी सरकार के रामराज के दावे पर कलयुग के रावण भारी पड़ रहे हैं। नगर पंचायत के कर्मचारियोें के कर्मचारियों की कारस्तानी सुनकर किसी भी कसाई तक का दिल कांप उठेगा। गौशालाओं की सैकड़ों को गायों को पहले में एमपी में नगर पंचायत के ट्रकों में छोड़ दिया गया इसके बाद जब कुछ गौवंश घायल मिले तो उन्हें नरैनी के आगे स्थित कालींजर से लगभग दस किमी दूर एमपी के पहाड़ी खेड़ा के जंगलों में जिंदा गौवंशों को जेसीबी से गढ्ढे खोदकर दफन कर दिया गया। वहां पर मौजूद कुछ लोगां इस बात की शिकायत क्षेत्रीय विधायक राजकरन कबीर से की।
मामले की जानकारी होने पर पहाड़ी खेड़ा के जंगल में पहुंचे क्षेत्रीय नरैनी विधायक राजकरन कबीर ने स्वयं जाकर गोवंशों को दफ्न करने वाले स्थान का मौका मुआयना करने के बाद अधिकारियें से सम्पर्क किया। कुछ जगहों पर तो विधायक राजकरन कबीर ने स्वयं गढ्ढों से गोवंशों को निकलवाया भी लेकिन विधायक के वहां पहुंचने तक काफी देर हो चुकी थी। जिंदा गढ्ढों में दफन किये गये गोवंशों ने तब तक दम तोड़ दिया था। उधर मीडिया के लोगों ने मामले की जानकारी लेने के लिए नगर पंचायत के जिम्मेदारों व एसडीएम से मामले की जानकारी चाही तो उन्होंने मामले की अनभिज्ञता जताई है। अब देखना यह है कि रामराज का दंभी भरने वाली योगी सरकार में गोवंशों की जान लेने वाले नगर पंचायत के कलयुगी रावणों पर क्या कार्यवाही होती है।
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