- जांच में दोषी पाये गये ग्राम पंचायत अधिकारी
- परियोजना निदेशक ने की कार्यवाही की संस्तुति
बांदा। मिलते जुलते नाम का फायदा उठाकर प्रधान और सचिव ने गरीब एवं असहाय व्यक्ति को मिलने वाली पीएम आवास योजना की धनराशि के एक लाख बीस हजार रूपये प्रधान के रिश्तेदार जो कि पात्र व्यक्ति के ही मिलते हुए नाम के थे के खाते में भेज दी गई। पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर जब परियोजना निदेशक ने जांच की तो मामला खुल पाया। उधर परियोजना निदेशक ने जांच में ग्राम पंचायक अधिकारी को धोखाधड़ी का दोषी पाते हुए सीडीओ को लिखे पत्र में ग्राम पंचायत अधिकारी को सस्पेंड करने की संस्तुति की है।
जानकारी के अनुसार शत्रुघन पुत्र बोधी निवासी ग्राम अरमार बबेरू ने शिकायत की थी। उसको मिलने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना की धनराशि किसी और व्यक्ति के खाते में भेज दी गई है। जबकि उसका मकान अभी कच्चा ही पड़ा हुआ है। इसके बाद अधिकारियों ने परियोजना निदेशक हुबलाल को मामले की जांच सौपी थी। परियोजना निदेशक ने स्थलीय निरीक्षण पाया कि आवेदक को अभी तक पीएम आवास योजना की धनराशि नही प्राप्त हुई और उसका मकान पूर्व की भांति कच्चा ही है।
जबकि उसके मिलते नाम से ही उसकी ग्राम वासी व प्रधान के रिश्तेदार शत्रुधन पुत्र स्वयंबर के खाते में चली गई। जिसका मकान जांच में पक्का बना हुआ पाया गया है। हालांकि वह भी आवास योजना के पात्र थे। लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी हरिनारायण को पूरे मामले का दोषी मानते हुए परियोजना निदेशक ने उन्हें तत्काल सस्पेंड किये जाने की संस्तुति करते हुए मुख्य विकास अधिकारी को पत्र लिखा है।
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