डाक्टरों के न होने से अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला

बांदा। पैलानी तहसील के पैलानी कस्बे में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पैलानी में डाक्टरों के अभाव के चलते जहां पर प्रतिदिन तीन से चार दर्जन मरीज चाहे वह डेंगू मलेरिया टाइफाइड के हो अथवा अस्थमा ऐसे में प्रतिदिन मरीजों को लौटना स्वास्थ्य विभाग पर एक प्रश्न चिन्ह लगा रहा है वही जनप्रतिनिधियों की अनदेखी भी साफ तौर से देखी जा रही है बता दें कि पैलानी कस्बे में यूं तो 12000 की आबादी है और 53100 मतदाता यहां पर अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं लेकिन मत देते देते स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का भाव होना यह बताता है कि स्वास्थ्य विभाग की माली स्थिति क्या है बता दें कि आसपास के गांव नदी कुकू आकाश अमलोर पिपरहरी निवाइच पैलानी डेरा पैलानी कस्बे के पडो़हरा पर डेरा आज गांव के सैकड़ों मरीज प्रतिमाह इलाज कराने के लिए आते हैं। लेकिन डॉक्टर के ना होने से वापस मायूस होकर लौट जाते हैं बता दे कि जनवरी 2001 से लेकर अब तक 4 डाक्टरों ने अपना खुद ट्रांसफर करा कर जा चुके हैं इनमें डॉ सतीश डाक्टर अमर सिंह डा राजेश कुमार और डॉाक्टर सोहेल खान है। 

मौके पर मौजूद फार्मेसिस्ट रमा देवी ने बताया कि यहां पर जुकाम बुखार मलेरिया टाइफाइड अस्थमा डायरिया आदि के मरीज तीन दर्जन आते हैं लेकिन एक भी मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है -कमिंया- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पैलानी में 4- लैब असिस्टेंट का अभाव ब्लड जांच केंद्र का अभाव जनरेटर का अभाव 4- जीवन रक्षक दवाओं को रखने के लिए फ्रिज का अभाव प्रसव ना होना है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मानक एक एमबीबीएस एक डॉक्टर आयुष का होना दो फार्मेसिस्ट का होना दो बीएचडब्ल्यू का होना एक एलएचबी का होना एक स्वीपर का होना आदि शासन द्वारा पाए हैं लेकिन सन 1995 में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बन जाने के बाद वर्ष 2017 में योगी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में ऊंची कृत के बावजूद भी शासन के निर्देशों को धता बताते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी हठधर्मिता पर उतारू है। नियुक्त स्टॉप- यहां पर एक आयुष और एक डॉक्टर की नियुक्ति नहीं है और फार्मेसिस्ट के रूप में रामा देवी एलएचबी प्रेमकली बीयचडब्ल्यू ममता चौरसिया बीयचडब्ल्यू हुस्ना बानो उपस्थित पाई गई।

लेकिन वार्ड बॉय सुभाष चंद्र 7 नवंबर से एक्सीडेंट होने के चलते अस्पताल नहीं पहुंचे वही स्वीपर रामखेलावन सफाई करते नजर आए वही डाक्टर सुहैल खांन 12 नवंबर से लेकर अब तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी बांदा के आदेश पर सीयचसी बिसंडा करा लिया गया है- क्या कहते हैं जिम्मेदार एसडी एम पैलानी सुरभि शर्मा ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के ना होने की जानकारी अभी उन्हें नहीं है जांच कर डॉक्टरों की कमी को लेकर उप जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराएंगी- ग्रामीणों की राय है कि पैलानी कस्बे के गोरेलाल दुवेदी का कहना है कि प्रतिदिन बुखार से पीड़ित अस्थमा टाइफाइड एवं अन्य बीमारी से संदर्भित आधा सैकड़ा रोगी यहां पद के लिए आते हैं लेकिन डॉक्टर के अभाव में वापस लौट जाते है। उमाकांत गुप्ता ने बताया कि आधा दर्जन गांव के लोग यहां इलाज के लिए जाते हैं लेकिन समुचित इलाज एवं डाक्टरों की कमी के चलते यहां स्वास्थ्य विभाग अपनी हठधर्मिता पर उतारू है अधिवक्ता रामनरेश कहना है कि अधिवक्ता रामनरेश त्रिपाठी का कहना है कि यदि अस्पताल में डाक्टर ही नहीं रहेंगे तो स्वास्थ्य विभाग ऐसे मरीजों का इलाज करेंगे यह सोचने वाली बात है।



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