- पत्रकार को धमकी देने की निंदा ईरा पत्रकार संगठन ने की
- रेलवे बोर्ड स्वतंत्र जांच कर गड़बड़ी करने वाले अधिकारी पर लगाम कसे- रविकांत
झारखंड। रांची रेल मंडल आरपीएफ के मंडल सुरक्षा आयुक्त प्रशांत कुमार के नाम पर एक स्थानीय ठग रामरतन साह के द्वरा लोगो से लाखों रुपये ठगने का एक मामला पिछले दिनों प्रकाश में आया था, जिसमे रामरतन साह ने पहले आरपीएफ के कमांडेंट से ऐ डी आर एम इंफ़्रा के पहुँच की बात कर दोस्ती बढ़ाई और लोगो को कहा कि रांची आरपीएफ के कमांडेंट प्रशांत कुमार उनके बहुत करीबी है, कोई भी काम हो करवा देंगे, और लोगों ने भरोसा कर रामरतन को लाखों रुपये भी दिए थे, इसी बात की जब जानकारी आरपीएफ के कमांडेंट को लगी तो रामरतन को आरपीएफ के कार्यालय में बुलाकर रुपये लोगो को वापसी करने को कमांडेंट के द्वरा बोला गया था, रामरतन को लोगो को पैसे न देना पड़े इस बात का फायदा आरपीएफ के ही कुछ निरिक्षको ने उठाया और रामरतन को हथियार बना कर आरपीएफ कमांडेंट को बदनाम भी किया गया है, ये एक स्टिंग ऑपरेशन में उजागर भी हो चुका है।
इस घटना से पहले अगर गौर करे तो मामले को कोई भी समझ सकता है कि रेलवे के अवैध कोयले के काले कारोबार के काले खेल में आरपीएफ के कई निरिक्षको ने मिलकर कोयले के एक बड़े कारोबारी से मिलकर रांची मंडल के सुइसा स्टेशन पर बड़े पैमाने पर कोयले की चोरी की योजना थी, जिसमें आरपीएफ के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त गार्डन रिच कोलकाता की भी हामी थी, जिसे रांची आरपीएफ के कमांडेंट ने होने नही दिया और ये इस कोयला के कारोबारी और आरपीएफ के निरिक्षको के आंख के किरकिरी बन बैठे, नतीजतन रामरतन मनोज कुमार सिंह और न जाने कितने वैसे लोग जो इस मामले की तह तक जाकर पत्रकारिता करने को गए तो उन्हें भी जान से मार दिए जाने की धमकियां मनोज कुमार के द्वरा दिया गया इतना ही नही 15 दिसम्बर तक आरपीएफ में निरीक्षक के पद पर कार्यरत दिगंजय शर्मा नाम के किसी को संस्पेंड से मुक्त भी करने को कहा गया। इस बात की शिकायत पत्रकार असीम कुमार सामंतो ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के अलावे प्रेस परिषद को भी लिखित रूप से किया है।
रेलवे बोर्ड स्वतंत्र जांच कर गड़बड़ी करने वाले अधिकारी पर लगाम कसे- रविकांत
आरपीएफ में के नाम पर लाखों की ठगी लोगों को धूर्त बनाकर नौकरी के बहाने करने के मामले और कोयले का काला खेल करने वाले आरपीएफ वैसे अधिकारी जो देश और सरकारी संपत्ति को अपनी करनी से नुकसान पहुंचाने की आवाज को पत्रकार द्वारा उठाए जाने पर धमकी देना। काफी दुखद है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। यह बातें शनिवार को इंडियन रिपोर्टर एसोसिएशन झारखंड प्रदेश संगठन सचिव रविकांत बनर्जी ने प्रेस बयान में कहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में रेलवे सुरक्षा मामलों और इसके रखवालों के द्वारा राष्ट्र के संपत्ति को लुटने की कोशिश करने वाले अधिकारी पर रेलवे बोर्ड लगाम लगाए।
पत्रकार भारत के चौथे स्तंभ के रूप में भ्रष्टाचार, घोटालों और गड़बड़ियों के खिलाफ अपनी आवाज स्वतंत्रता पूर्वक उठाएंगे। जिनकी रक्षा कानून के दायरे में भी प्रशासनिक बल को करना चाहिए। लेकिन रेलवे आरपीएफ अधिकारी के द्वारा इस प्रकार की धमकी देना। अशोभनीय हैं। इसे लेकर रेलवे बोर्ड ठोस कार्रवाई करें। अन्यथा आगे लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए ईरा पत्रकार संगठन अपने कलम से लेकर विचारों तक की लड़ाई देश रक्षा में करने के लिए तैयार हैं। जिसमें सभी पत्रकार संगठनों को शामिल होने का आह्वान भी किया।
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