भारतीय लोकतंत्र प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए अनिवार्य मतदान कानून एवं मतदाता पेंशन कानून को लागू किया जाना अति आवश्यक : राष्ट्रीय अध्यक्ष



राजेश श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

नई दिल्ली। शत- प्रतिशत मतदान की अपील चारों ओर हो रही है मतदाता जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है स्वयंसेवी संस्थाएं एवं सरकार की ओर से भी लगातार मतदाता जागरूकता अभियान के तहत काफी धन भी खर्च हो रहे है। भारतीय मतदाता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम आसरे सरोज जी ने शत- प्रतिशत मतदान किए जाने के सवाल पर उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए अनिवार्य मतदान कानून एवं मतदाता पेंशन कानून को लागू किया जाना अति आवश्यक हैं जिससे देश के मतदाता निडर एवं निर्भीक होकर शत- प्रतिशत मतदान करने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों  के द्वारा घोषणा पत्र  जारी किया गया है सभी राजनीतिक दलों को भारत के संविधान को पूर्णतया लागू कराने की बात न करके किस कानून के तहत घोषणा पत्र जारी करने का अधिकार दिया गया है। किसी भी संगठन या राजनीतिक पार्टी का उद्देश्य तो समझ में आता है कि अपने संगठन के निर्माण का उद्देश्य निर्धारित करें वह भी किसी भी नागरिक को बिना लालच एवं दिग्भ्रमित न करते हुए यह बात तो समझ में आती है। 


लेकिन जहां मतदान  गुप्त रूप से करने एवं अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की बात मतदाता बंधुओं से की जाती हैं उन्हीं को खुलेआम चुनावी घोषणा पत्र के आड़ में किसी भी प्रकार का लालच देना क्या यह आचार संहिता के अंतर्गत नहीं आता है। भारत निर्वाचन आयोग को स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के विभिन्न तरह के घोषणा पत्रों के कारण राष्ट्रवादी मतदाता दिग्भ्रमित है उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के जो मतदाता हैं और राजनीतिक दलों के जो जनप्रतिनिधि हैं उन्हें तो कोई फर्क होने वाला नहीं है वह तो सत्ता प्राप्ति के लिए अपने कार्य को कर रहे हैं लेकिन जो राष्ट्रवादी मतदाता है उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। 

उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से मांग करते हुए कहा कि नोटा कानून को सख्त बनाते हुए प्रचार प्रसार किया जाना भी आवश्यक हैं जिससे राष्ट्रवादी मतदाता शत- प्रतिशत मतदान करके लोकतंत्र की इस व्यवस्था को मजबूत कर सके। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग करते हुए कहा कि जिस तरीके से पोलिंग बूथ पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के द्वारा कैंप लगाकर मतदाता पर्चियां बांटी जाती हैं।  निर्वाचन आयोग प्रत्येक बूथ पर सरकारी मतदान पर्ची वितरण पोलिंग बूथ भी लगाएं। वहां जो भी सरकारी बैनर लगे उस पर यह लिखा जाना आवश्यक है की उम्मीदवार ना पसंद आने पर आप अपने निगेटिव मताधिकार का प्रयोग करके नोटा पर बटन दबाकर मतदान कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव चिन्ह आवंटित करने के बाद उन्हें अपने चुनाव चिन्ह का प्रचार करने का अधिकार भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा दिया गया हैं। इसी कड़ी में भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा सरकारी व्यवस्था के तहत क्षेत्र में भ्रमण करके एवं समाचार पत्रिका रेडियो के द्वारा नेगेटिव मतदान के अधिकार के प्रयोग का भी प्रचार-प्रसार विधिपूर्वक होना चाहिए। उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग का धन्यवाद देते हुए कहा कि रेडियो में नोटा का प्रचार प्रसार निर्वाचन आयोग के द्वारा किया जा रहा है यह लोकतंत्र प्रणाली को सशक्त बनाने की एक सशक्त मुहिम है इसे और कारगर बनाने की आवश्यकता हैं।

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