'गुरु समान दाता नहीं, याचक शिष्य समान। तीन लोक के नायका गुरु आगे आधीन।।'
उज्जैन, मध्यप्रदेश। जगत गुरु बाबा जयगुरुदेव जी के मासिक भंडारे कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के अवसर पर इस समय मनुष्य शरीर में मौजूद इस धरा पर नामदान देने के एक मात्र अधिकारी, जीवों को असहनीय जनम मरण की पीड़ा और चौरासी लाख की भयंकर तकलीफों से छुटकारा दिलाने वाले उज्जैन के त्रिकालदर्शी पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 29 जनवरी 2022 को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दिए व यूट्यूब चैनल jaigurudevukm( जयगुरुदेवयुकेम ) पर प्रसारित ऑनलाइन संदेश के माध्यम से भक्तों को बताया कि गुरु महाराज जी अविवाहित थे लेकिन गुरु महाराज जी ने कहा आध्यात्मिक दृष्टिकोण से तुम सब लोगों को और तुम्हारे बच्चों को मैं अपना बच्चा मानता हूं । जो संत आते हैं उनका रिश्ता-सम्बंध जीवात्माओं से होता है जो जिस भाव से उनको मानता - जानता है उसी हिसाब से उसी तरह की दया उनके ऊपर करते हैं।
इस समय के पूरे महात्मा बाबा उमाकान्त जी महाराज वही पाँच नाम की बख्शीश दे रहे हैं और गुरु दक्षिणा में बुरे कर्मों को ले रहे हैं। आप समझो प्रेमियों! कि आप गुरु महाराज के भंडारे पर उनकी यादगार के रूप में लोगों को भोजन खिलाओगे याद करोगे लेकिन अगली जो भी त्रयोदशी आवे उस दिन भंडारा करो उस दिन गुरु के बारे में लोगों को बताओ भी कि गुरु महाराज बराबर यह बताया करते थे कि जयगुरुदेव नाम प्रभु भगवान का नाम है परमात्मा की पूरी शक्ति इस जयगुरुदेव नाम में भरी हुई है आप सब लोग विश्वास करो। मुसीबत तकलीफ में जय गुरुदेव नाम मददगार है नाम ध्वनि बोलने से फायदा होगा।
प्रचार में क्या क्या बतायें?
मनुष्य शरीर के बारे में बराबर : लोगों को बताते रहो यह किराए की मकान की तरह से है। एक दिन छूट जाएगा भगवान की प्राप्ति के लिए मिला है बहुत सारी बातें हैं बताने के लिए। नाम दान के बारे में बताओ, नाम दान देते थे। दान में उसके बदले अगर लिया भी तो गंदगी को लिया, कर्मों को लिया इसके बारे में बताओ।
यह भी बताओ : कि गुरु महाराज जी चले गए तो अब नामदान कैसे कहां मिलेगा? इसके बारे में बताओ यह भी बताओ कि गुरु महाराज जी चले गए अब नामदान कहां मिलेगा और कैसे जीवात्मा का उद्धार होगा ? यह मोटी-मोटी बातें हैं इनको लोगों को बताने और समझाने की जरूरत है।
वर्तमान में जीव उद्धार कैसे सम्भव है यह भी तो बताना जरूरी है : देखो खाली यही बता दिया कि आए थे और चले गए उन्होंने यह काम किया उससे केवल जानकारी होगी लेकिन लोगों को लाभ अब कैसे मिलेगा ? वह तो चले गए, जयगुरुदेव नाम जो उन्होंने जगाया उससे मिलेगा लाभ । लोगों को जो उन्होंने युक्ति बताया, सरल किया, जीवात्मा के उद्धार का कल्याण का जन्म मरण से छुटकारा पाने का जो उन्होंने उपाय बताया, अब वह उपाय कहां मिलेगा कौन देगा कैसे मिलेगा ? यह तो खोजना चाहिये।
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