पिता की इच्छा थी कि मैं डाक्टर बनू : डा. सरसैया

  • डा. सरसैया के विदाई समारोह का हुआ आयोजन
  • सीएमएस सहित चिकित्सकों ने दी भावभीनी विदाई

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। जिला अस्पताल के हड्डी रोग विशेषग्य डाक्टर टीआर सरसैया 28 साल 11 महीने 29 दिन की सफल नौकरी कर के 31 जनवरी को रिटायर हो गए ।31 जनवरी की शाम डाक्टर सरसैया के आवास में बिदाई समारोह का आयोजन हुआ। जिसमे स्वास्थ विभाग के साथ साथ समाज सेवी, पत्रकार,आदि सैकड़ों लोगों ने उन्हें उपहार भेंट करके शुभकाएँ दी। मंगलवार को जिला अस्पताल में अस्पताल प्रशाशन की तरफ से डाक्टर टी आर सरसैया का बिदाई समारो आयोजित किया गया जिसमें सीएमएस एसएन मिश्रा, सहित कई डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।

इस अवसर पर बोलते हुए डाक्टर टी आर सरसैया ने कहा कि मेरे पिता की इच्छा थी कि मैं डाक्टर बनू , मेरे डाक्टर बनने के बाद मेरी पहली पोस्टिंग 2 फरवरी 1993 को ललितपुर के जखौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई थी, इसके बाद 1995 में महोबा ट्रांसफर हो गया, 2001 तक महोबा रहे इसके बाद बांदा पोस्टिंग हो गई 2001 से 2016 तक बांदा रहे, 2016 में फिर महोबा के लिए ट्रांफर हो गया, और 2019 में महोबा से फिर बांदा ट्रांफर हो गया और आज बांदा के इसी अस्पताल से रिटायर हो रहा हूँ । परिवार में मैं पहला डाक्टर हूँ मेरे बाद मेरे परिवार के कई अन्य सदस्य भी डाक्टर बने, मैने अपने पूरे कार्यकाल में सच्चे मन से मरीजों की सेवा की है और मैं अपने कार्य से  संतुष्ट हूँ ।

सी एम एस एस एन मिश्रा ने कहा कि आज हमारे अस्पताल से बहुत योग डाक्टर जा रहा है जिसकी कमी हमे हमेशा खलेगी । इस अवसर पर डाक्टर आर के गुप्त, डाक्टर एस के बाजपेयी,डाक्टर के एल पांडे, डाक्टर बी पी वर्मा, डाक्टर अशोक गुप्ता, डाक्टर नरेंद्र गुप्ता, डाक्टर शाहिद, डाक्टर करण राजपूत, डाक्टर भूपेंद्र सिंह , डाक्टर विनीत सिंह, डाक्टर संगीत सिंह, डाक्टर ऊषा सिंह, डाक्टर संजीव कुमार, डाक्टर चारु गौतम, डाक्टर विष्णु गुप्ता, डाक्टर शुशील सिंह, डाक्टर अनुराग पुरवार, डाक्टर नरेंद्र राजपूत, डाक्टर विनीत सचान,सहित बहुत से डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद रहा।

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