- शंकर जी ने कभी नशा नहीं किया, उनके नाम पर नशा करके उन्हें बदनाम मत करो
- तांडव, संहार को आतुर शंकर भगवान को मनाया जा रहा कि थोड़ा समय और दे दीजिये
उज्जैन (म. प्र.)। शाकाहार, सदाचार और नशा मुक्त रहने की शिक्षा देने वाले इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले पूज्य बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 21 फ़रवरी 2021 को राउरकेला, ओडिशा में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि भ्रम और भूल में लोग डाल देते हैं । कौन? गांजा पीने वाले। बम बम बोल कर कहते हैं कि शंकर जी की बूटी पी रहा हूं। शंकर जी कभी गांजा-भांग पीते थे? वो कभी नहीं पिये। आदमी ने शंकर जी को न देखा न सुना और न ही दो बात उनसे की। क्या पता शंकर जी कौन हैं।
आदमी ही पत्थर की मूरत बनाता है फिर कहता है कि ये शंकर भगवान है लेकिन उनके नाम पर नशा करके बदनाम तो मत करो : पत्थर की मूरत को बना करके मान्यता आदमी ने दे दिया कि ये शंकर जी हैं। न बोलते हैं और न कुछ कहते-सुनते है। हम आलोचना नहीं करते हैं। श्रद्धा प्रेम, भक्ति, भाव है। आपके श्रद्धा प्रेम पर हम ठोकर नहीं मारना चाहते हैं। श्रद्धा का फल आपको उनसे मिल रहा है।
आदमी को ऐसे भगवान चाहिए कि हम कुछ भी बुरा कर्म करते जाएं, वो न बोले न डोले : महाराज जी ने बताया कि देखा फोटो का आदमी, शंकर बनकर बैठ गया। आपने उसको शंकर मान लिया। तो कैसे क्या पता है कि पीते थे या नहीं पीते थे? लेकिन गंजेड़ीयों ने बदनाम कर दिया। बम-बम बोलते हैं, भ्रम-भूल में लोग डाल देते हैं।
शंकर जी का तांडव होने वाला है, कुछ दिनों में पता चल जाएगा गांजा पीने वालों को : महाराज जी ने 2 मार्च 2021 को समस्तीपुर, बिहार में दिए संदेश में बताया कि शराब और इसके जैसा कोई भी नशा मत करना। कोई भी गोली - नशे की या भांग की या गांजा की हो, इनका इस्तेमाल अब आप लोग छोड़ दो। इन चीजों का, ऐसे नशे का सेवन मत करना कि बुद्धि पागल हो जाये। मां बहन बेटी की पहचान न हो पावे, ऐसा नशा हो तो उसे छोड़ देना चाहिए।
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— ईस्ट न्यूज़ 24X7 (@eastnews24x7) February 27, 2022
शंकर जी ने कभी नशे का सेवन नहीं किया, उनके नाम पर नशा करके उनको बदनाम मत करो : ऐसा संकल्प बनाना चाहिए। शिव जी का नशा करते हो लेकिन शिव जी ने कैसे त्याग किया था उस पर ध्यान नहीं देते हो और इन गंजेडियों के चक्कर में आ जाते हो। जब कुदरत की मार पड़ेगी तब सब गंजेडियों को पता चल जाएगा। शिव तांडव अभी देखा कहां है? एक पैर ऐसे पटकने पर धरती ऐसे थर-थर, थर-थर हिलती है। (डमरू) बजने वाला है। शंकर जी शुद्ध सात्विक थे। प्रेमियों! ऐसे नशे का आप सेवन मत करना।
भगवान शिव को प्रसाद से नहीं अपनी बुराइयों को त्यागने से प्रसन्न किया जा सकता है : महाराज जी ने 11 मार्च 2021 को शिवरात्रि कार्यक्रम में लखनऊ में दिए संदेश में भगवान शिव की पूजा के बारे में बताते हुए कहा कि बेल पत्र, गन्ना, बेर आदि चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न नहीं होते बल्कि लोग अपनी बुराइयों को त्याग कर अच्छे कर्म करने लगे तो भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
शंकर जी तांडव, संहार करने के लिये बेताब हैं : 3 मार्च 2021 को मधुबनी, बिहार में दिए संदेश में महाराज जी ने बताया कि गुरु महाराज का काम मैं कर रहा हूं इसलिए मैं भी यह चाहता हूं कि ज्यादा से ज्यादा लोग सतयुग को देख लें, नहीं तो शिव जी का काम क्या है? संहार करने का। वह तो संहार करने के लिए, मारने के लिए, तांडव करने के लिए बेताब हैं, बेचैन हैं।
शंकर भगवान को मनाया जा रहा कि थोड़ा समय और दे दीजिये : महाराज जी ने बताया कि अभी प्रार्थना किया जा रहा है कि थोड़ा समय, थोड़ा मौका और दे दीजिए। लोगों को समझा लिया जाए, बता लिया जाए जिससे लोग सतयुग को देख ले। गुरु महाराज मेरे लिए ही कह कर गए थे कि पुरानों की संभाल करेंगे और नयों को नाम दान देंगे तो संभाल की ही बात कर रहा हूं। हमारे लिए कोई भी दुष्ट नहीं है।
सन्त उमाकान्त जी के वचन : निराशा में आशा की किरण जगाने वाला नाम जयगुरुदेव। महात्माओं का काम भटके को रास्ता दिखाना है। महात्माओं की बात में दम होता है। परमात्मा और सतगुरु में कोई अंतर नहीं। सच्चे सन्त त्रिकालदर्शी होते हैं।
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— ईस्ट न्यूज़ 24X7 (@eastnews24x7) February 27, 2022
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