खमरखा गौशाला बनी ‘मौत शाला’ , भूख प्यास से दम तोड़ गये तीन गौवंश

अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

कमासिन/बांदा। योगी सरकार ने गायों की सेवा और उन्हें सुरक्षित रखने के उद्देश्य से गौशालाएं खुलवाई थी, लेकिन ये गौशालाएं गौवंशो के लिये मौत शाला बन गई है ये ऐसी सरकारी कसाईखाना बन गई है जहाँ गौवंश भूख व प्यास से तड़प तड़प कर मर रही है और वही सिथिल अवस्था मे जमीन पर पड़ी दीनहीन जिंदा गौवंशो को कौवे नोच-नोच खा रहे हैं।

वही मृतक गौवंशो को सचिव व प्रधान द्वारा बिना पोस्टमार्टम करवाये चुप चाप दफन कर दिया जाता है ताकि किसी को भनक न लग सके ताजा मामला विकासखंड कमासिन खमरखा ग्राम पंचायत में बने अस्थाई गौशाला का सामने आया है जहाँ पर आज रविवार को सुबह करीब आठ बजे तक मे भूख और प्यास से तिलिझ-तिलिझ कर तीन गौवंशो ने दम तोड़ दिया व करीब तीन से चार गाय जीर्ण शीर्ण अवस्था में जमीन में पड़ी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष लड़ रही है।

केंद्र में मौजूद गौशाला कर्मी चुनकौना जमादार ने बताया कि हप्ते में केवल एक बार भूसा दिया जाता शेष दिन केवल पूवर व मसूर लाही का भूसा खिलाया जाता है प्रधान प्रतिनिधि भानुप्रसाद कहते हैं कि सरकार द्वारा हमे कोई पैसा नही दिया जाता है हम क्या करे वही जब इस सम्बंध में खंड विकास अधिकारी डॉ०प्रभात दुवेदी से जानकारी ली गई तो उन्होंने ने बताया कि गायो की मारने की सूचना मिली है हमने ग्राम पंचायत अधिकारी दिलीप गुप्ता को भेजा है।

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