काशी : ज्ञान दायिनी, अन्न दायिनी एवं मोक्षदायिनी पुस्तक का लोकार्पण

  • काशी में संकृति विमर्श, संतो और विद्वानों ने लिया सनातन राष्ट्र के लिए संकल्प

ईस्ट न्यूज 24X7

वाराणसी। अखिल भारतीय संत समिति और गंगामहासभा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्कृति विमर्श कार्यक्रम में पुस्तक काशी: ज्ञानदायिनी, अन्न दायिनी एवं मोक्ष दायिनी का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। इस पुस्तक के लेखक डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव, संस्कृति पर्व के संपादक संजय तिवारी और बेटी बचाओ आंदोलन की प्रणेता डॉ शिप्राधर को इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विशेष रूप से पत्र लिख कर बधाई दी है। 

अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती और विश्व हिंदू परिषद के अखिलभारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी के कर कमलों से यह लोकार्पण किया गया। संस्कृति विमर्श के इस आयोजन में काशी विद्वतपरिषद, काशी की लगभग सम्पूर्ण विद्वत विभूतियां और सभी संत , महात्मा उपस्थित थे। 

समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत के समक्ष उपस्थित वर्तमान चुनौतियों और सशक्त भारत पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मैं श्री जगन्नाथ पुरी जी की धरती से आता हूँ। वहां भगवान शंकराचार्य जी का आशीर्वाद और निर्देश हमे प्रायः प्राप्त होता रहता है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृव में आज भारत विश्व का नेतृत्व करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

इस समारोह के संयोजक स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि वर्ष 2014, 2017 और 2019 में जिस प्रकार से देश के सभी संतों का आशीर्वाद मोदी जी को मिलता रहा है उसी प्रकार से इस बार भी मिल रहा है। अयोध्या, काशी से लेकर भगवान शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापना और भगवान रामानुजाचार्य की प्रतिमा स्थापना की चर्चा करते स्वामी जी ने कहा कि यह नया भारत ही विश्व को नई दिशा देगा। समारोह को कई पद्म सम्मान से विभूषित विभूतियों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का अत्यंत सारगर्भित संचालन गोविंद शर्मा ने किया।

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